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मानसून करीब, पम्पिंग इंजनों का ट्रायल तक नहीं

जागरण संवाददता, गोरखपुर: मानसून करीब होने के बाद भी बाढ़ पम्पिंग स्टेशनों पर लगे डीजल, इलेक्ट्रिक

By Edited By: Published: Thu, 26 May 2016 01:28 AM (IST)Updated: Thu, 26 May 2016 01:28 AM (IST)
मानसून करीब, पम्पिंग  इंजनों का ट्रायल तक नहीं

जागरण संवाददता, गोरखपुर: मानसून करीब होने के बाद भी बाढ़ पम्पिंग स्टेशनों पर लगे डीजल, इलेक्ट्रिक पम्पिंग इंजनों, पाइपों की मरम्मत कराकर ट्रायल तक नहीं किया जा सका है। हाबर्ट बांध पर नगर निगम के अधीन कुल बारह बाढ़ पम्पिंग स्टेशन हैं, लेकिन किसी पर भी मरम्मत कार्य होते नहीं दिख रहा है। नगर निगम की यह सुस्ती राप्ती में जलस्तर बढ़ने की दशा में रेगुलेटरों के बंद होने पर नागरिकों पर भारी पड़ेगी।

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यह बाढ़ पम्पिंग स्टेशन कटनियां, हाबर्ट बांध पर जगह-जगह ट्रांसपोर्ट नगर, हांसूपुर, घसियारी, नरकटिया, मिर्जापुर, इलाहीबाग, लालडिग्गी, बहरामपुर, डोमिनगढ़, बसियाडीह और सुभाष चंद्र बोस नगर में स्थापित कर रखे गए हैं। सभी स्थानों पर सिंचाई विभाग के रेगुलेटर लगे हैं। सामान्य दिनों में पम्पिंग स्टेशन के पास स्थित नालों से शहर के नाले-नालियों का पानी राप्ती नदी में जाता है, लेकिन नदी में जलस्तर बढ़ने की दशा में सिंचाई विभाग द्वारा रेगुलेटर बंद कर दिए जाने से बाढ़ पम्पिंग स्टेशनों के इलेक्ट्रिक व डीजल पंप चलाकर पाइप के जरिए नाले के पानी को नदी में गिराया जाता है।

जलस्तर में वृद्धि से सबसे पहले बसियाडीह और फिर डोमिनगढ़, तिवारीपुर के रेगुलेटर बंद होते हैं, ऐसे में क्षेत्रों में जलजमाव न होने देने के लिए इन पम्पिंग स्टेशनों को लगातार चलाना पड़ता है। पिछले वर्ष मानसून पूर्व सभी पम्िपग स्टेशनों के इंजनों को ठीक कराकर ट्रायल किया जा चुका था, लेकिन इस बार खामोशी छायी हुई है।


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