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सावधान! यही है बावरिया लुटेरों का सीजन

गोरखपुर: रात में यदि कोई दरवाजे पर दस्तक दे या घर के बरामदे में कोई असमान्य आवाज सुनाई दे तो सावधान

By Edited By: Published: Tue, 01 Dec 2015 01:26 AM (IST)Updated: Tue, 01 Dec 2015 01:26 AM (IST)
सावधान! यही है बावरिया लुटेरों का सीजन

गोरखपुर: रात में यदि कोई दरवाजे पर दस्तक दे या घर के बरामदे में कोई असमान्य आवाज सुनाई दे तो सावधान हो जाइए। क्योंकि बावरिया लुटेरों का मौसम शुरू हो गया है। इसलिए असावधानी में दरवाजा खोलने पर बावरिया लुटेरों का कहर टूट सकता है। ये लुटेरे दीपावली में अमावस्या की रात पूजा-पाठ करने के बाद से लूट-पाट की वारदातों को अंजाम देने की शुरुआत करते हैं।

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निशाने पर होती हैं बाहरी कालोनियां: शहरी क्षेत्र में लूटपाट करने वाले इन लुटेरों के निशान पर आमतौर से बाहरी कालोनियां होती हैं। घटना को अंजाम देने से पहले इन लुटेरों के गिरोह के लोग पहले शहर से लगने वाली सभी कालोनियों की बाकायदा रेकी करते हैं। बनावटी फूल, रुमाल, खिलौना आदि बेचने के बहाने ये लोग कालोनियों में घूमते हैं। इस दौरान वे बाहर से ठीक-ठाक दिखने वाले घर को चुनाव करते हैं। रेकी के दौरान घर के चिह्नित किए गए घर में रहने वाले लोगों के बारे में जानकारी करने का भी प्रयास करते हैं।

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कैसे अंजाम देते हैं वारदात: घटना अंजाम देने से पहले गिरोह के सदस्य अपनी पत्‍‌नी बच्चों के साथ रेलवे स्टेशन के आसपास डेरा बना कर रहना शुरू करते हैं। वारदात के लिए घर का चयन होने के बाद परिवार की महिलाओं और बच्चों को दूसरे शहर भेज देते हैं। आमतौर से रात में बाहर बजे के बाद ही घटना को अंजाम देने के लिए अपना डेरा छोड़ते हैं। इसके पहले गिरोह के साथ रहने वाला धर्म गुरू पूजा करता है। वारदात के लिए जाते समय वे शगुन-अपशगुन का विशेष ध्यान देते हैं।

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दरवाजा खुलवाने के लिए अपनाते हैं विशेष तरीका: चिह्नित घर के सामने पहुंचने पर दरवाजा खुलवाने के लिए इन लुटेरों द्वारा खास तरीका अपनाया जाता है। कई बार दरवाजा खुलवाने के लिए पीड़ित बन दस्तक देते हैं। कभी-कभी घर के बरामदे में खड़े होकर अजीब-अजीब आवाज निकालते हैं, जिससे धोखे में आकर लोग दरवाजा खोल देते हैं। इसके अलावा अंदर से बंद कुंडी खोलने के लिए विशेष रूप से तैयार हथियार (जिसे वे ज्ञान कहते हैं) का भी प्रयोग करते हैं।

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गोरखपुर में तीन बार अंजाम दे चुके हैं घटना

- 19 नवम्बर 2000 की रात में खोराबार थाना क्षेत्र के शिवाजीनगर कालोनी में राकेश राय के घर पर धावा बोला था। घर में मौजूद दो बच्चों सहित छह लोगों की हत्या कर दी थी और राकेश राय की बेटी को गंभीर रूप से घायल कर लूटपाट की थी।

- 20 अक्टूबर 2001 की रात इन लुटेरों का गोरखनाथ थाना क्षेत्र के वृंदावन कालोनी में एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या और एक युवक को घायल कर लूटपाट की थी।

- अक्टूबर 10 में गुलरिहा थाना क्षेत्र के लक्ष्मीपुर निवासी संजीव श्रीवास्तव के घर पर धावा बोला। गृहस्वामी के उनकी पत्‍‌नी, साली, सास व ससुर को गंभीर रूप से घायल कर लूटपाट की थी।

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क्या बरते सावधानी

- घर के खिड़की, दरवाजों में फैंसी कुंडी लगाने की बजाय मजबूत कुंडी लगवाएं।

- कालोनी के अधिकतर लोगों का मोबाइल व टेलीफोन नम्बर घर में रखें।

-यदि रात के सन्नाटे में कोई संदिग्ध गतिविधि महसूस हो तो फोन से सबको जानकारी देकर सतर्क करें।

- स्थानीय थाने और पुलिस चौकी का नम्बर भी घर में रखें। संदेह होने पर तत्काल पुलिस को सूचना दें।

- रात में किसी परिचित के भी बुलाने पर तभी दरवाजा खोलें जब आपको यकीन हो जाए कि आवाज लगाने वाला वही व्यक्ति है, जिसे आप समझ रहे हैं।

- घर के बरामदे में या अगल-बगल असामान्य आवाज सुनाई देने पर भी हड़बड़ी में दरवाजा न खोलें।

- संदेह होने पर घर के अंदर और बाहर की लाइटें जला दें। पड़ोसियों को भी फोन कर ऐसा ही करने को कहें।


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