परिवार को प्राथमिकता दें : मोहन भागवत
---------------- जागरण संवाददाता, गोरखपुर: परिवार की चिंता करें। संभव हो तो प्रतिदिन , नहीं तो ज
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जागरण संवाददाता, गोरखपुर:
परिवार की चिंता करें। संभव हो तो प्रतिदिन , नहीं तो जितने दिन संभव हो साथ में भोजन करें। परिवार का मतलब सिर्फ खून के रिश्ते से नहीं। वह सारे लोग जो हमारे रोजमर्रा के जीवन में मददगार हैं, उनको भी परिवार मानें। सहयोग ही जीवन का आधार है। सबके सहयोग से ही बेहतर परिवार की संकल्पना संभव है। परिवार की यही उदार और व्यापक संकल्पना अंतत: समाज और देश से जुड़ती है। लिहाजा परिवार को जोड़ें, उसे संस्कारित करें।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघ चालक मोहन भागवत शुक्रवार को यहां संघ के गोरक्षप्रांत मुख्यालय माधवधाम में 'कुटुंब परिवार प्रबोधन' कार्यक्रम में बोल रहे थे। इसमें 200 से अधिक लोग आए थे। आने वालों में अधिकांश सपरिवार थे। भागवत ने कहा कि बच्चों को संस्कारित करें और उनको अपने धर्म के बारे में भी बताए। संस्कार में बड़ों का सम्मान, दूसरों से बच्चे का व्यवहार कैसा हो इस बारे में बताएं। अपने धर्म की बुनियादी चीजों और परंपरा के बारे में भी बच्चों को बताएं। यह भी बताएं कि हर कोई अपना है।
कार्यक्रम में महानगर संघचालक डा.महेंद्र अग्रवाल, महानगर सह प्रचार प्रमुख उपेंद्र द्विवेदी, अरुन मल्ल, डा.वीरेंद्र गुप्ता, डा.अर्चना गुप्ता, डा.नीना अस्थाना, मनोज जालान, डा.संजीत, मनु मिश्रा, जुगुल, डा.आरपी शुक्ला, डा.बबिता शुक्ला आदि मौजूद थीं।
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प्रवासी कार्यकर्ताओं की बैठक में संघ की शाखाएं बढ़ाने पर जोर
माधोधाम के कार्यक्रम के बाद सरसंघ चालक रानीडीहा दिव्यनगर स्थित संस्कृति पब्लिक स्कूल गए, वहां उन्होने प्रवासी कार्यकर्ताओं के साथ बैठक की। उनके यहां लगने वाली शाखाओं के बारे में जानकारी ली। शाखाओं और इनमें आने वालों की संख्या बढ़ाने पर जोर दिया।
मालूम हो कि मोहन भागवत संघ के पूर्वी क्षेत्र की बैठक के क्रम मे यहा आए हैं। 13 अक्टूबर तक उनका यहां प्रवास है।
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