फिर विवादों में अमरमणि
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : कवियित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकाड में आजीवन सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरम
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : कवियित्री मधुमिता शुक्ला हत्याकाड में आजीवन सजा काट रहे पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी एक बार फिर विवादों से घिर गए हैं। बीमार होने के नाम पर गोरखपुर जेल से बीआरडी मेडिकल कालेज गोरखपुर में भेजे गए अमर मणि सत्ता में अपने रसूख का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। एक चैनल के स्टिंग में उन्हें मेडिकल कालेज में मनमाने ढंग से मौज की जिंदगी गुजारते दिखाया गया है। वह न सिर्फ मोबाइल से बात करते हैं, बल्कि उनकी सेवा में कई समर्थक लगे हुए हैं। वहां सुरक्षा एवं निगरानी के लिए तैनात पुलिस कर्मी उनके हुक्म पर ही भागदौड़ करते हैं।
अमरमणि एवं विवादों का चोली-दामन का संबंध रहा है। सियासत में वह अपने बिंदास अंदाज के लिए जाने जाते रहे हैं। हुकूमत कोई हो अमरमणि सबके प्यारे हो जाते। यही कारण है कि स्टिंग के दौरान एक सवाल के उत्तर में वह यह कहते दिखाई दे रहे हैं कि एक बार बसपा को सत्ता तक पहुंचाने में उन्होंने मदद की थी। उससे भी उनके अच्छे संबंध हैं। वह यह भी दावा करते दिखाए गए हैं कि सारा की मौत के मामले में लखनऊ जेल में बंद उनके पुत्र अमन मणि त्रिपाठी का प्रकरण जल्द ही हल हो जाएगा।
स्टिंग आपरेशन में दिखाया गया है कि मेडिकल कालेज का कक्ष संख्या 16 अमर मणि के लिए जेल सरीखा नहीं बल्कि उनकी सियासत का केंद्र है। वह अपने निर्वाचन क्षेत्र में अब भी दमदार हैसियत होने का दावा करते हैं। वह मेडिकल कालेज इस तरह रहते हैं जैसे वहां के एक हिस्से पर उनका कब्जा हो। मरीज, डाक्टर या किसी को भी उनकी इजाजत के बगैर अस्पताल के इस हिस्से में आने की इजाजत नहीं है। अमरमणि सरकार में अपने रसूख का प्रदर्शन करने की कोशिश करते हुए खुद को दारोगा बताने वाले रिपोर्टर को थानेदार बनवा देने की भी बात कहते दिखाए गए हैं। लुंगी-बनियान पहने अमर मणि 40 मिनट के इस स्टिंग के दौरान अपने बेटे से जुडे़ सवालों के बारे में यह कहते सुनाई देते हैं कि राजनीतिक प्रतिद्वंदिता में उसे फंसाया गया है। वह वहां बेरोकटोक मोबाइल का प्रयोग करते दिख हैं। अस्पताल में उनकी रसोई मौजूद है।
वैसे यह पहला अवसर नहीं है जब सजा काट रहे अमर मणि की मौजमस्ती का खुलासा हुआ है। इसके पहले भी जले में उनके रसूख की खबरें सामने आती रही हैं। वह जेल से ही समर्थकों की समस्याएं हल कराते रहे हैं।
मेडिकल कालेज में अमर मणि के इस हनक के बारे में पूछे जाने पर प्रशासन की ओर से किसी ने भी कुछ कहने से इन्कार कर दिया।