स्टेशनरोड पर डग्गामार बसों को वाकओवर
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : यातायात पुलिस अपने अभियान को लेकर कितने भी दावे क्यों न करे, मगर यह सच
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : यातायात पुलिस अपने अभियान को लेकर कितने भी दावे क्यों न करे, मगर यह सच है कि अराजकता उसके कार्यालय से चंद कदमों से ही शुरू होती है। स्टेशन रोड पर बसों को डग्गामारी करने की छूट है और वह नगर की व्यवस्था सुधारने में जुटा है।
नगर की यातायात व्यवस्था नहीं सुधर रही, वजह यातायात पुलिस नहीं चाहती। अन्यथा वह ठान ले व्यवस्था सुधरते समय नहीं लगेगा, पर समस्या यह है कि सुधार हो तो कैसे? कार्यालय से मात्र 100 मीटर की दूरी से ही आड़े तिरछी स्थिति में टैक्सियां लगी रहती हैं। सवारी बिठाने को लेकर मार्ग जाम हो जाता है। होटलों के सामने पार्किंग भले न हो, मगर वहां दो सौ से अधिक कारें खड़ी होती हैं। अवैध वाहनों का काफिला वहां से लेकर एक किमी पूरब तक फैला हुआ है। यहां कैंट थाने की रेलवे चौकी वाहनों की भीड़ में गुम हो गयी है। वहां राणा प्रताप की प्रतिमा के मात्र 50 मीटर की दूरी से बसों की लंबी कतार लग रही है। दिखावे के लिए कई बार विभाग ने झूठी कोशिशें भी कीं। इसका परिणाम यह रहा कि उसके अभियान चलाने के बावजूद स्टेशन रोड पर कोई फर्क नहीं है। यह और बात है कि अपनी करनी से प्रशासन अतिक्रमणकारियों के समक्ष खुद मजाक का पात्र बन रहा है। 2 अगस्त व 13 अगस्त के अभियान के बाद से वह प्रशासन को खुली चुनौती देते हैं कि जब हर काम का दाम तय है तो वाहन कहां से हटेंगे?
...............
अवैध तरीके से खड़ी होती हैं सवा सौ बसें
स्टेशन रोड पर बिहार, सहजनवा, तमकुहीरोड से लेकर विभिन्न स्थानों की करीब सवा सौ बसें लग रही हैं। वाहन चालक बीच सड़क पर बसें खड़ी कर सवारियां भरते हैं। आए-दिन जाम में फंसने से लोगों की ट्रेनें छूट जाती हैं, मगर विभाग को कोई परवाह नहीं है। उसे बस चिंता अपनी वसूली की है। ऐसे में रोड कहां खाली होगी, आसानी से समझा जा सकता है। जब सड़कें नहीं खाली होंगी तो बेचारे फुटपाथ का क्या होने वाला? वह बस वहीं खाली है, जहां दुकानें नहीं हैं। फुटपाथ के कुछ हिस्से का प्रयोग कुछ फुटपाथी मालगोदाम की तरह से कर रहे हैं। वह वहां गुटखा आदि रख रहे हैं। ऐसे में बीच के कुछ हिस्से की आजादी भला किस काम की।
---
बस स्टेशन के सामने भी कब्जा
अतिक्रमणकारी सिर्फ रेलवे स्टेशन के सामने ही मौजूद नहीं हैं, बल्कि वह बस स्टेशन के सामने भी फैले हुए हैं। इससे राहगीरों को आवागमन में दिक्कत होती है। यहां तक कि रोजाना इसे लेकर जाम लगता है। बावजूद इसके प्रशासन चुप है।
---
''वहां से अवैध वाहनों का हटवाया जाता है। निरंतर चार-पांच का चालान किया जाता है, मगर किया क्या जाये। इधर कार्रवाई होती है और उधर फिर वह वाहन लेकर जम जाते है। फिर भी स्टेशन रोड खाली कराया जायेगा। वहां कई वाहनों के पेपर भी नहीं है। उन पर नजर दौड़ाई जा रही है, पकड़ में आते ही उसे सीज किया जायेगा।
बी.एन.गुप्ता
टीएसआई