मानक झूठा या गोरखपुर का सरकारी आंकड़ा
जागरण संवाददाता, गोरखपुर: अति कुपोषित बच्चों की पहचान का अंतरराष्ट्रीय मानक झूठा है अथवा गोरखपुर का
जागरण संवाददाता, गोरखपुर: अति कुपोषित बच्चों की पहचान का अंतरराष्ट्रीय मानक झूठा है अथवा गोरखपुर का सरकारी आंकड़ा। जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों के तकरीबन सभी बच्चे स्वस्थ हैं, यह सच है अथवा कागजी हेराफेरी। यह बड़ा सवाल उभर कर सामने आया है। बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग और प्रशासन की फाइलों में ये आंकड़े भले ही सच हों लेकिन शासन को तनिक भी भरोसा नहीं है। शायद यही कारण है कि एक बार फिर से अति कुपोषितों को खोजने, चिह्नित करने का अभियान शुरू होने जा रहा है।
शासन के रिकार्ड में गोरखपुर जिले में लगभग 55 हजार बच्चे लाल श्रेणी में अर्थात अति कुपोषित होने चाहिए लेकिन जिले के रिकार्ड में महज 952 हैं। राज्य पोषण मिशन के तहत सात व दस सितंबर को मनाए जाने वाले वजन दिवस से पहले शासन की कसौटी पर खरा उतरना प्रशासन के लिए चुनौती होगा।
अति कुपोषितों की पहचान का विश्व स्वास्थ्य संगठन का जो मानक है, उस आंकड़े के हिसाब से उत्तर प्रदेश में शून्य से पांच वर्ष तक के कुल बच्चों में से 9.4 फीसद बच्चे अति कुपोषित हैं। इस आधार पर गोरखपुर के 4032 आंगनबाड़ी केंद्रों पर पंजीकृत शून्य से पांच वर्ष तक के 5.50 लाख बच्चों में से 55 हजार अति कुपोषित होने चाहिए। गोरखपुर के आंकड़ों पर सवाल बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग के प्रमुख सचिव, राज्य पोषण मिशन के महानिदेशक ने उठाए हैं। वजन दिवस मनाए जाने से पहले शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए तैयारियों की समीक्षा करते हुए इन अधिकारियों ने साफ कहा कि ये आंकडे़ विश्वसनीय नहीं हैं। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि फिर से पता करें और हर हाल में लक्ष्य पूरा करें। जिला स्तरीय अधिकारियों की निगरानी में वजन दिवस मनाया जाना है। इसके लिए सेक्टर मजिस्ट्रेटों की तैनाती की जा रही है। किसी वजह से इन दो तिथियों में वजन लेने से कोई बच्चा यदि छूट जाएगा तो उसका डोर टू डोर वजन 11 अथवा 14 सितंबर को लिया जाएगा। इसमें बाल विकास सेवा के साथ स्वास्थ्य, शिक्षा, ग्राम्य विकास व पंचायती राज से जुड़े ग्रामीण क्षेत्र के कर्मचारियों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
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वजन दिवस का उद्देश्य कुपोषित बच्चों की पहचान करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों को देखकर लगता है कि यहां अति कुपोषितों का चिह्नीकरण सही नहीं किया गया है। वजन दिवस में स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
-कुमार प्रशांत, सीडीओ