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बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागो पायं। बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय।

By Edited By: Published: Fri, 31 Jul 2015 01:37 AM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2015 01:37 AM (IST)
बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : गुरु गोविंद दोऊ खड़े, काके लागो पायं। बलिहारी गुरु आपने, गोविंद दियो बताय।। सद्गुरु कबीर का यह दोहा गुरु की महिमा को रेखांकित करता है। कबीर के अनुसार गोविंद ने ही गुरु की महिमा को गा दिया। तुलसी बाबा भी कहते हैं 'गुरु बिनु ज्ञान कहा जग माही'। गुरु ही ज्ञान का प्रदाता है। मार्गदर्शक है और सफलता का स्रोत भी, इसलिए हम गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु-शिष्य परंपरा का सम्मान करते हैं। गुरु शब्द का अर्थ है 'अधंकार को दूर करने वाला'। गुरु अज्ञान को दूर करके हमें ज्ञान रूपी प्रकाश देता है। वह ज्ञान, जो हमें बताता है कि हम कौन हैं, विश्व से कैसे जुड़ें और कैसे सच्ची सफलता प्राप्त करें। गुरु पूर्णिमा के अवसर पर महानगर के अत्यंत सफल लोगों ने गुरु को याद करते हुए उनके चरणों में अपनी आस्था व श्रद्धा निवेदित की।

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सहदेव सर ने कुछ बनने की प्रेरणा दी। हरिदास सेमिनरी स्कूल गया में कक्षा 9-10 में वह भौतिक विज्ञान पढ़ाते थे। उनकी वाणी में अपनत्व था और उनकी पूरी कोशिश सिखाने पर रहती थी। अध्यापन के प्रति इतने संवेदनशील थे कि घर भी बुला लेते थे। अब वे नहीं हैं, लेकिन हमारे लिए वह सदैव प्रेरणास्रोत बने रहेंगे।

-रंजन कुमार, जिलाधिकारी

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हमारे जीवन में गुरु का महत्व सर्वोपरि है। गुरु व शिक्षकों के मार्गदर्शन की बदौलत ही हम इस मुकाम पर हैं। शिक्षा का क्षेत्र हो या उसके बाद सेवा का, गुरुओं के दिए मंत्र ही काम आए। गुरुओं को याद कर आंखें नम हो जाती हैं। उनके आदर्शो पर चलकर ही उनके प्रति हम सच्ची श्रद्धा अर्पित कर सकते हैं।

-राजीव मिश्र, महाप्रबंधक पूर्वोत्तर रेलवे

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मेरे पिता स्व.जगन्नाथ दत्त त्रिपाठी ही मेरे पहले गुरु रहे। शिक्षा के साथ ही मनुष्यता का पहला पाठ उन्होंने पढ़ाया। कक्षा दस तक मुझे सभी विषय उन्होंने ही पढ़ाए। इसके अलावा स्कूलों में डीएस राय, अनिरुद्ध पांडेय व लालसा प्रसाद द्विवेदी से जो मार्गदर्शन मिला, मैं जीवन भर उनका ऋणी रहूंगा।

-राकेश त्रिपाठी, पूर्व मुख्य परिचालन प्रबंधक पूर्वोत्तर रेलवे

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मैं अपने जीवन में प्रो.पीएन श्रीवास्तव ऋणी हूं। शोध मार्गदर्शक के रूप में उन्होंने मेरे जीवन को एक दिशा प्रदान की। प्रो.श्रीवास्तव से मैंने सीखा कि किस तरह छोटी-छोटी घटनाएं भी जिंदगी के बड़े सबक सिखाती हैं। इनसे मिलने वाले अनुभव जीवन की सफलता में बड़े काम आते हैं।

-प्रो.अशोक कुमार, कुलपति दीदउ


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