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स्मार्ट सिटी के लिए नगर निगम की वेबसाइट हो स्मार्ट

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : सभी की चाहत है कि अपना शहर स्मार्ट सिटी में शुमार हो। अब यह चर्चा सरकारी

By Edited By: Published: Sat, 04 Jul 2015 01:23 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2015 01:23 AM (IST)
स्मार्ट सिटी के लिए नगर निगम की वेबसाइट हो स्मार्ट

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : सभी की चाहत है कि अपना शहर स्मार्ट सिटी में शुमार हो। अब यह चर्चा सरकारी महकमों से लेकर चाय-पान की दुकानों पर भी हो रही है। स्मार्ट सिटी को लेकर बहस हो रही है। लोग पूर्वाचल का प्रमुख शहर गोरखपुर पर्यटन स्थल, ऐतिहासिक धरोहर, देवी-देवताओं के प्रसिद्ध मंदिर, मनोरंजन, शिक्षा, चिकित्सा, विकास कार्यो और भावी योजनाओं का हवाला देकर स्मार्ट सिटी में शामिल होने का पूरा हक जता रहे हैं। इसके लिए तय मानकों में से एक निगम की वेबसाइट पर योजनाओं का बजट अनिवार्य रूप से हो लेकिन इसमें निगम की अधूरी वेबसाइट रोड़ा बन सकती है। स्मार्ट सिटी बनाने के लिए अधिकारियों को वेबसाइट को भी स्मार्ट बनाना पड़ेगा।

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नगर निगम की अपनी वेबसाइट है, लेकिन इस पर राज्य वित्त आयोग के वर्ष 2013-14 के किए गए भुगतान, गोरखपुर का मानचित्र, जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, पार्षदों की सूची, कर्मचारियों का विवरण, वार्डो के कार्यों के टेंडर, उनकी स्वीकृति की स्थिति, वाहनों के सुचारू रूप से चलाने के लिए व अन्य कार्यो के टेंडर, निष्प्रयोज्य सामानों की सूची है। विकास प्राधिकरण, विश्वविद्यालय, उद्योग, सूचना के अधिकार, सामान्य प्रशासन, सिंचाई, बोर्ड आफ रेवेन्यू से संबंधित जानकारियों का भी उल्लेख है, लेकिन मुख्य जानकारी नगर निगम योजनाओं के बजट का न्यूनतम दो वर्ष का ब्यौरा इस पर नहीं है।

योजनाओं के दो वर्ष के बजट के ब्यौरा से तात्पर्य पूरे विवरण से है। सरकार यह चाहती है कि दो वर्ष में निर्माण, स्वास्थ्य, पथ प्रकाश से संबंधित सुधार, मरम्मत, विस्तार कार्य, नए कार्य के प्रस्ताव से लेकर स्वीकृति, निर्माण की लागत, अवधि सब कुछ वेबसाइट पर अपडेट रहे तो नगर निगम को इसके लिए थोड़ी प्रयास करना होगा।

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वेबसाइट पर होने से आएगी पारदर्शिता

योजनाओं का बजट वेबसाइट पर न होने के कारण क्षेत्रों में कार्य दिखाकर भुगतान होने की शिकायतें आती हैं। टेंडर के बाद भी महीनों कार्य नहीं हो पाते हैं। वेबसाइट अपडेट रहने से सब कुछ पारदर्शी होगा। वेबसाइट पर जाकर किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। निर्धारित समय से काम होंगे और भ्रष्टाचार की भी गुंजाइश कम रहेगी।

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कंप्यूटरीकृत तो यहां सबसे पहले चालू

कंप्यूटरीकृत यहां पूरी तरह से किया जा चुका है। ई- गवर्नेस योजना के अंतर्गत जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र ¨हदी व अंग्रेजी में जारी करने का कार्य, प्राइवेट नर्सिग होम में इसकी आन लाइन सुविधा, जन्म-मृत्यु की पंजिका तैयार करना, कर विभाग के बिल जारी करना, लिपिकों द्वारा वसूली चार्ट, बकाएदारों की सूची, भवनों की सूची बनाने का कार्य कंप्यूटर से किया जा रहा है। कंप्यूटर विभाग के कैश काउंटर पर गृहकर जलकर जमा करने की भी सुविधा है। लेखा विभाग का अग्रिम व समायोजन पंजिका, कर्मचारियों की विभागवार सूची, वार्डवार स्वीकृत कार्यो की सूची भी कंप्यूटर से ही तैयार की जा रही है।


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