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प्राचार्य की पुनर्नियुक्ति के बावजूद असमंजस

जागरण संवाददाता, गोरखपुर डा. केपी कुशवाहा की सेवानिवृत्ति, किसी को पद की जिम्मेदारी नहीं सौंपे जान

By Edited By: Published: Wed, 01 Jul 2015 02:00 AM (IST)Updated: Wed, 01 Jul 2015 02:00 AM (IST)
प्राचार्य की पुनर्नियुक्ति के बावजूद असमंजस

जागरण संवाददाता, गोरखपुर

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डा. केपी कुशवाहा की सेवानिवृत्ति, किसी को पद की जिम्मेदारी नहीं सौंपे जाने से बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य पद को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। शाम को शासन से फोन आया कि सेवानिवृत्त हो रहे प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष यदि चाहें तो पांच साल तक प्रशासनिक अधिकार के साथ पुनर्नियुक्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं, पर इस संबंध में किसी ने पहल नहीं की।

मंगलवार को प्राचार्य डा. केपी कुशवाहा, स्त्री व प्रसूति रोग विभाग की प्रोफेसर व विभागाध्यक्ष डा. रीना श्रीवास्तव व चर्म रोग के विभागाध्यक्ष डा. ललित मोहन को सेवानिवृत्त होना था। चर्चा थी कि शासन सेवानिवृत्त होने वाले चिकित्सकों को प्रशासनिक अधिकार के साथ पुनर्नियुक्त करने का विकल्प दे सकता है। ऐसा नहीं हुआ तो इनको सेवा विस्तार मिल सकता है। इसी आधार पर बीआरडी मेडिकल कालेज में पूरे दिन आदेश का इंतजार होते रहा। देर शाम तक कार्यालय इस इंतजार में खुला रहा कि कोई न कोई आदेश आ जाएगा।

शाम को प्राचार्य के पास शासन से फोन आया कि यदि सेवानिवृत्त चिकित्सक चाहें तो पांच साल तक प्रशासनिक अधिकार के साथ पुनर्नियुक्ति के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसके बाद प्राचार्य डा.केपी कुशवाहा, स्त्री व प्रसूति रोग की विभागाध्यक्ष डा. रीना श्रीवास्तव व चर्म रोग के विभागाध्यक्ष डा. ललित मोहन के बीच लंबी चर्चा हुई। प्राचार्य ने कहा कि यदि दोनों में कोई प्रोफेसर आवेदन करता हैं तो वह आवेदन शासन को अग्रसारित कर देंगे, लेकिन इस पर भी कोई सहमति नहीं बन पाई। चिकित्सकों का कहना था कि आदेश सिर्फ फोन पर आया है ऐसे में आवेदन करने का कोई औचित्य नहीं है। इसी उधेड़बुन में समय बीत गया। देर रात तक न तो किसी प्रोफेसर ने पुनर्नियुक्ति के लिए आवेदन किया और न ही डा. केपी कुशवाहा ने किसी को चार्ज दिया।

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संविदा व पुनर्नियुक्त पर उहापोह

सेवानिवृत्त होने वाले चिकित्सक संविदा पर तैनात व प्रशासनिक अधिकारों के साथ पुनर्नियुक्ति को लेकर ऊहापोह में हैं। यदि पुनर्नियुक्त होते हैं तो करीब डेढ़ लाख का वेतन मिलना जारी रहेगा। यदि संविदा पर तैनात होते हैं तो करीब नब्बे हजार रुपये वेतन व पचहत्तर हजार रुपये पेंशन मिलाकर प्रति माह धनराशि मिलेगी। कोई दबाव नहीं रहेगा व प्राइवेट प्रैक्टिस की छूट भी मिलेगी।

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शासन ने प्रशासनिक अधिकारों के साथ पुनर्नियुक्ति का विकल्प रखा है। सेवा विस्तार का आदेश नहीं आने से मंगलवार को सेवानिवृत्ति हो चुकी है। मैं पुनर्नियुक्ति के लिए आवेदन करने नहीं जा रहा हूं। आगे का निर्णय बुधवार को निर्णय लिया जाएगा।

डा. केपी कुशवाहा

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