यहां काम करने वाले चाहिए नमूने नहीं: योगी
जागरण संवाददाता,गोरखपुर : पीडब्लूडी की इंजीनिय¨रग समझ से परे है। दो दशक से बने फरसाडाड़ पुल को
जागरण संवाददाता,गोरखपुर :
पीडब्लूडी की इंजीनिय¨रग समझ से परे है। दो दशक से बने फरसाडाड़ पुल को एप्रोच मार्ग की प्रतीक्षा है। 2006 से निमार्णाधीन महेसरा पुल का एक खंभा तक नहीं बन सका। दर्जनों बार याद दिलाने के बावजूद हर सड़क बदहाल है। ये नकारेपन की हद है। हमें काम करने वाले चाहिए। नमूने नहीं। काम नहीं करना है तो लोगों का गुस्सा भड़के इसके पहले अपने किसी आका के क्षेत्र में तबादला करा लें।
यह बातें गोरक्षपीठाधीश्वर एवं सांसद योगी आदित्यनाथ ने कही। वे सोमवार को जिले की बदहाल सड़कों के विरोध में सोमवार को पीडब्लूडी के मुख्य अभियंता कार्यालय पर भाजपा, ¨हदू, व्यापारी और अन्य संगठनों की ओर से हुए प्रदर्शन के मुख्य अतिथि थे।
कहा,यहां मौजूद अधिकारी बता दें कि उनकी कौन सी सड़क मानक की है। अगर नहीं है तो विभाग का औचित्य क्या है। क्या लोग ऐसी ही सड़क पर चलने के लिए टैक्स देते हैं। सड़कों की हालत कब सुधरेगी। 15 दिन में हर सड़क पर काम होते दिखना चाहिए। अन्यथा जून में अगले चरण के आंदोलन में उत्पन्न हालात के लिए शासन, प्रशासन और विभाग जिम्मेदार होगा।
प्रदर्शन को क्षेत्रीय अध्यक्ष उपेंद्रदत्त शुक्ल, विधायक संतप्रसाद,शीतल पांडेय, विनय सिंह विन्नू, अश्वनी त्रिपाठी, सुनील सिंह, भिखारी प्रजापति, आनंद शाही उदयभान सिंह, विभ्राट चंद कौशिक और छोटेलाल मौर्य आदि ने संबोधित किया।
अध्यक्षता जिलाध्यक्ष जर्नादन तिवारी और संचालन नरेन्द्रध्वज सिंह ने किया। प्रदर्शन में डा. सीएम सिन्हा, रामलक्ष्मण, विपिन सिंह, गजेन्द्र प्रताप सिंह, आनन्द शाही, पीके मल्ल, डा. धर्मेन्द्र सिंह,लक्ष्मी नारायण दूबे, सुरेश तिवारी, सत्यव्रत तिवारी,राधेश्याम सिंह, विजय शकर यादव, रमाकान्त निषाद, रामपाल सिंह, आरडी सिंह, पद्मा गुप्ता और राजेश निषाद समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे।
सभा के बाद पीडब्लूडी के मुख्य अभियंता और सिटी मजिस्ट्रेट ने मौके पर आकर ज्ञापन लिया। राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन में उन प्रमुख सड़कों का जिक्र है जो पूरी तरह बदहाल हैं। राज्यपाल से इन सड़कों के निर्माण और नवनिर्माण के बारे में सरकार को आदेश देने का अनुरोध किया गया है।
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अधिकारियों के गोल-मोल आश्वासन पर लोगों में आक्रोश
मौके पर आए पीडब्लूडी के मुख्य और अधीक्षण अभियंता के पास योगी के सवालों का न कोई ठोस जवाब था न मांगों के बारे में मुकम्मल आश्वासन। उनकी गोल-मोल बातों से एकबारगी लोग आक्रोशित भी हुए।