खौफ के साये में दी बीएड प्रवेश परीक्षा
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : भूकंप के झटकों के असर से राज्य स्तरीय बीएड प्रवेश परीक्षा भी नहीं बच सकी।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : भूकंप के झटकों के असर से राज्य स्तरीय बीएड प्रवेश परीक्षा भी नहीं बच सकी। आलम यह रहा कि पहली पाली की बीएड परीक्षा में जो अभ्यर्थी बीएड में अच्छा कालेज पाने के लिए पूरी मेहनत करते दिखे, वहीं दूसरी पाली में उनके चेहरे पर भय व्याप्त था। दरअसल पहली पाली के बाद आए भूकंप के झटके के बाद जब परीक्षार्थी दूसरी पाली की परीक्षा शुरू हुई तो परीक्षार्थियों के मन में बैठा भूकंप का खौफ उनके चेहरे से साफ झलक रहा था। जो अभ्यर्थी परीक्षा केंद्र में ही बैठकर दूसरी पाली की तैयारी कर रहे थे, अचानक जब उन्हे दूसरी बार झटका लगा तो वे केंद्र से भागकर बाहर आ गए। अभी वे कुछ समझ पाते कि महज आधे घंटे में दूसरा झटका भी आ गया। अभ्यर्थियों में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। अभी इसे लेकर दहशत बरकरार थी कि दूसरी पाली परीक्षा का समय हो गया और अयर्थियों को केंद्र में मजबूरन प्रवेश करना पड़ा। लेकिन बाहर की दहशत परीक्षा कक्ष में भी बरकरार रही। कई विद्यार्थियों ने बताया कि भूकंप के भय से उनका दूसरा प्रश्नपत्र ही खराब हो गया। आते प्रश्न भी गलत हो गए। गोरखपुर विवि के कला संकाय भवन के ज्यादातर परीक्षार्थी कक्ष से बाहर आ गए। मजीठिया भवन में परीक्षा दे रहे आए शैलेंद्र सिंह ने बताया कि अभिक्षमता प्रशिक्षण और विषय के प्रश्न आसान तो थे लेकिन भूकंप का डर के साथ परिवार की चिंता में गलत हो गए। कुछ ऐसी ही बात कला संकाय में परीक्षा दे रही भूमिका मद्धेशिया,सार्थक तिवारी रीना सिंह और राजन तिवारी ने बताई। अयर्थियों पर खौफ का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि चार बजे तक चलने वाली परीक्षा में कई केंद्रों पर आधे अयर्थी साढ़े तीन बजे कक्ष से निकल गए।
26 केंद्रों पर हुई परीक्षा :
लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से शनिवार को बीएड प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया। गोरखपुर के 26 केंद्रों पर आयोजित यह परीक्षा 3313 विद्यार्थियों ने छोड़ दी। परीक्षा छोड़ने वालों में पहली पाली में 1642 अयर्थी और दूसरी पाली के 11649 अयर्थी शामिल रहे। परीक्षा में कुल नौ हजार नौ सौ सात अयर्थी शामिल हुए।
कुलसचिव ने अशोक कुमार अरविंद ने बताया कि बीएड प्रवेश परीक्षा पूरी तौर पर शांतिपूर्ण ढंग से सपन्न करा ली गई। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन ने इसके लिए 13 जिला स्तरीय अधिकारी, आठ सेक्टर मजिस्ट्रेट और दो पर्यवेक्षणीय अधिकारी बनाए तैनात किए थे। उन्होंने बताया कि परीक्षा के दौरान इस बात पर विशेष नजर थी कि कहीं कोई फोटोकापी की दुकान न खुली हो। मोबाइल फोन को लेकर विशेष सतर्कता बरती गई।