नेपाल से मरीज आने पर सूचना पर बढ़ी चौकसी
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : वैसे तो बीआरडी मेडिकल कालेज के वार्डो से मरीजों के बाहर आने के चलते
जागरण संवाददाता, गोरखपुर :
वैसे तो बीआरडी मेडिकल कालेज के वार्डो से मरीजों के बाहर आने के चलते दोपहर से ही कालेज प्रशासन व चिकित्सक स्थिति संभालने में जुटे थे, पर अपराह्न करीब साढ़े तीन बजे नेपाल से घायलों के आने की सूचना के बाद चौकसी बढ़ गई। डीएम, सीडीओ, एसएसपी व दूसरे अधिकारी मेडिकल कालेज पहुंच गए।
तब तक यह अनुमान लगाया जा रहा था कि नेपाल में घायलों की तादाद हजारों में हो सकती है। ऐसे में बीआरडी मेडिकल कालेज में बड़ी तादाद में घायल इलाज के लिए पहुंच सकते हैं। इसके बाद डीएम रंजन कुमार व बीआरडी मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. केपी कुशवाहा के बीच बातचीत में घायलों के लिए पर्याप्त संख्या में बेडों की व्यवस्था करने की बात हुई। इमरजेंसी, नेत्र वार्ड व दूसरे वार्डो के बेडों को मिलाकर करीब डेढ़ सौ बेड तैयार रखने पर सहमति बनी। मेडिकल कालेज के सभी चिकित्सकों व जूनियर डाक्टरों को अलर्ट कर दिया गया। जरूरी दवाओं की व्यवस्था के निर्देश दिए गए।
इसके अलावा और मरीजों के बढ़ने की संभावना को देखते हुए मेडिकल कालेज व आसपास के चार अस्पतालों फातिमा हास्पिटल, साई निरोग धाम, राणा हास्पिटल, ब्लू लोटस हास्पिटल में व्यवस्था कराने के लिए डीएम ने सीएमओ को निर्देश दिए।
डीएम ने मेडिकल कालेज के प्राचार्य से यह भी कहा कि कालेज के ब्लड बैंक में अधिक से अधिक लोगों के रक्तदान कराने की व्यवस्था की जाए जिससे घायलों के इलाज में रक्त की कमी न हो।
भगदड़ में कई को आई चोटें
नेहरू अस्पताल में मचे भगदड़ में कई लोगों के साथ मेडिकल छात्रों को भी हलकी चोट आई। कालेज परिसर स्थित एक छात्रावास की ऊपरी मंजिल से कूदने से दो मेडिकल छात्रों के पैर में चोट लगी।
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सूनी पड़ गई ओपीडी
भूकंप का सबसे अधिक असर मेडिकल कालेज की ओपीडी पर देखा गया। जब भूकंप आया उस समय जहां पंजीकरण काउंटर पर मरीजों कर भारी भीड़ थी वहीं दूसरी पर विभिन्न विभागों की ओपीडी में भी दिखाने आए मरीजों की लंबी कतार थी। जैसे की झटके महसूस हुए ओपीडी में इलाज के लिए पहुंचे मरीजों के साथ डाक्टर भी बाहर आ गए। वहीं पंजीकरण काउंटर में लाइन में लगे लोग इधर-उधर भागने लगे। कर्मचारी बाहर निकल गए। पंजीकरण काउंटर से लेकर ओपीडी में सन्नाटा पसर गया।