साइना ने बढ़ाया मान
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : ओस की बूंदों सी होती हैं बेटियां, स्पर्श खुरदुरा हो तो रोती हैं बेटियां।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : ओस की बूंदों सी होती हैं बेटियां, स्पर्श खुरदुरा हो तो रोती हैं बेटियां। रोशन करेगा बेटा एक ही कुल को, दो-दो कुलों की शान होती हैं बेटियां।।
बेटियों ने कदम-कदम पर भारत का शान बढ़ाया है। राजनीति हो या शिक्षा, व्यापार हो या खेल, हर जगह बेटियों ने अपने परचम से भारत का झंडा बुलंद रखा है। भारत की साइना ने बैडमिंटन में शिखर पर काबिज होकर देशवासियों का मान बढ़ा दिया। गोरखपुर की महिलाओं व खिलाड़ियों ने कहा कि साइना ने बता दिया कि महिलाएं किसी भी मामले में पीछे नहीं हैं..
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बैडमिंटन में शीर्ष पर काबिज होने के साथ-साथ साइना ने देशवासियों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया। महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी हैं, इस तथ्य को सार्थक किया साइना नेहवाल ने। उन्होंने महिलाओं के भीतर आगे बढ़ने का जज्बा पैदा किया है।
पूनम सिंह (एसएनएम 13)
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नंबर वन होने का अहसास हर भारतीय महिला कर रही हैं। सनसनी साइना ने हम महिलाओं को अपने आदर्श के रूप से स्थापित किया है। वे युवा पीढ़ी की आदर्श हैं, जिनसे हम सभी को सीख लेनी चाहिए।
सविता वर्मा, (एसएनएम 15)
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कुछ दिन पूर्व साइना का साक्षात्कार पढ़ा था कि उनके जन्म पर दादी काफी निराश हुई थीं, लेकिन शीर्षस्थ साइना ने न सिर्फ परिवार को, बल्कि देश के उन सभी लोगों को संदेश दिया कि बेटियां एक नहीं, बल्कि दो-दो कुल का मान बढ़ाती हैं।
अर्चना मिश्रा (एसएनएम 16)
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जापान की हाशिमोतो को हराकर साइना ने ओपन सीरीज भी जीत लिया। संभवत: वह पहली भारतीय खिलाड़ी हैं, जिन्होंने यह खिताब जीता है। कदम दर कदम उन्नति के पथ पर चलकर साइना महिलाओं का मान बढ़ा रही हैं।
तमन्ना मद्धेशिया (एसएनएम 201)
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इस ऊंचाई तक बढ़ने के लिए साइना ने अनेक प्रयास किए होंगे, कभी असफल रही होंगी, तो कभी सफल। इस कदम से उन्होंने संदेश दिया कि असफलता ही सफलता की सीढ़ी है। हर किसी को साइना से सीख लेनी चाहिए। सलाम साइना।
दुर्गेशनंदिनी (एसएनएम 14)