बढ़े वायरल फीवर व श्वांस के मरीज
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : ठंड का मौसम खत्म हो रहा है। गर्मी शुरू हो रही है। ऐसे में तापमान में उत
जागरण संवाददाता, गोरखपुर :
ठंड का मौसम खत्म हो रहा है। गर्मी शुरू हो रही है। ऐसे में तापमान में उतार-चढ़ाव सामान्य बात है। दिनभर गर्मी रहती है तो सुबह, शाम व रात में ठंड। पिछले वर्षो की तुलना में इस बार मौसम कुछ अधिक असामान्य है। फरवरी में तापमान बढ़ने से गर्मी का अहसास हुआ तो मार्च के शुरुआत से ही बरसात व अब तेज सर्द हवाओं से न्यूनतम तापमान घटकर 14.2 डिसे पर आ गया। तापमान में उतार चढ़ाव सेहत पर असर डालता है।
ऐसे मौसम में लापरवाही श्वांस के रोगों, सर्दी, खांसी, वायरल फीवर, दमा को दावत दे सकती है। तापमान में बदलाव से अस्पतालों में इन दिनों ऐसे मरीजों की भरमार है।
बीआरडी मेडिकल कालेज के मेडिसिन विभाग के चिकित्सक राजकिशोर सिंह के अनुसार ओपीडी में इन बीमारियों से बड़ी तादाद में पीड़ित लोग पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल के फिजीशियन डा. वीके सुमन के मुताबिक तापमान में उतार चढ़ाव के चलते एलर्जी, दमा आदि के रोगियों में अधिक परेशानी देखी जा रही है। श्वसन तंत्र की समस्याओं, वायरल फीवर के मरीज भी बड़ी संख्या में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। मौसम का उतार-चढ़ाव हर उम्र के लोगों पर असर डालता है पर बच्चे व बुजुर्ग ज्यादा प्रभावित होते हैं।
यह हो सकती है परेशानी
इस मौसम में श्वांस सम्बन्धी बीमारी होने पर बुखार, थूक निगलने में परेशानी, आवाज में भारीपन, बोलने में दिक्कत, नाक का बहना, बार-बार छींक आना, गले में खराश व दर्द, सांस लेने में दिक्कत, कान में दर्द, शरीर में अकड़न व दर्द, सुस्ती व सिर में दर्द जैसे लक्षण हो सकते हैं। सांस फूलना, छाती में जलन के साथ खांसी, सीने में दर्द जैसी दिक्कतें हो सकती हैं। पेट के रोगों के साथ ही चेचक, खसरा आदि भी हो सकता है। एसिडिटी के कारण पेट में जलन तथा खट्टी डकार आने की परेशानी भी हो सकती है।
बच्चों के मामले में रहें सतर्क
तापमान में उतार-चढ़ाव की स्थिति में छोटे बच्चों के मामले में अधिक सतर्क रहना चाहिए। इस मौसम में सर्दी-खांसी, सांस की नली में सूजन से दिक्कत, बुखार, वायरल डायरिया जैसी समस्याएं देखी जा रही हैं। पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों में बीमारी बिगड़ सकती है और निमोनिया भी हो सकता है। बच्चों में इस तरह की समस्या होने पर गंभीरता से लेना चाहिए। खांसी होने पर यदि सांस या पसली तेज चलने लगे तो तत्काल चिकित्सक से सम्पर्क करना चाहिए।
ऐसे बचें
-तापमान में उतार-चढ़ाव के मुताबिक कपड़े पहनें
-पोषक आहार लें
- पर्याप्त पानी पीएं
-आहार में फलों, सब्जियों, सलाद आदि को शामिल करें