छह साल तक गोरखपुर में रहा अली अहमद
गोरखपुर : लखनऊ में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) गोरखपुर इकाई के हत्थे चढ़ा जाली मुद्रा का सौदागर अल
गोरखपुर :
लखनऊ में स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) गोरखपुर इकाई के हत्थे चढ़ा जाली मुद्रा का सौदागर अली अहमद उर्फ डा. समीर उर्फ वसीम खान का गोरखपुर से भी नाता रहा है। वह यहां छह साल तक रसूलपुर में पावर लूम (हथकरघा) में काम करता रहा है। यहां जाने के बाद वह नेपाल जाकर जाली मुद्रा के धंधे में गहरे तक जुड़ गया था।
एसटीएफ सूत्रों के मुताबिक बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के बेतिया थानान्तर्गत पुरैना चौबे का मूल निवासी वर्ष 2002 से 2008 तक वह गोरखपुर में रहा था। गोरखनाथ थाना क्षेत्र के रसूलपुर में एक पावरलूम में काम करता था। यहां से नेपाल जाने के बाद जाली मुद्रा के धंधे में गहरे से जुड़ गया। इसके चलते वह आइएसआइ के भी संपर्क में आ गया था। पाकिस्तानी दूतावास में भी उसके अच्छे ताल्लुकात बन गया था। वीरगंज में रहकर वह अपने संपर्क सूत्रों के माध्यम से वह हर माह एक करोड़ रुपये तक का जाली मुद्रा भारत के विभिन्न क्षेत्रों में खफा देता रहा है।
सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ने इधर उसको गोरखपुर वायुसेना केंद्र की जासूसी तथा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए माड्यूल्स तैयार करने की जिम्मेदारी दे रखी है। सूत्रों का मानना है कि उसके द्वारा वायुसेना केंद्र से जुड़े कुछ दस्तावेज अपने आकाओं को सौंपा जा चुका है। खुफिया एजेंसियां इस संदर्भ में उससे पूछताछ कर यह पता लगाने की कोशिश की कर रही है। एसटीएफ गोरखपुर इकाई के प्रभारी व सीओ विकास त्रिपाठी के नेतृत्व में दरोगा एसपी सिंह, सिपाही यसवंत आदि की टीम के हत्थे चढ़ा अली अहमद गोरखपुर में कुछ युवकों को असलहा आदि का लालच देकर उन्हें माड्यूल्स के तौर पर तैयार कर रहा था। एसटीएफ व खुफिया एजेंसियां इस मामले में उससे पूछताछ कर रही है। सीओ एसटीएफ विकास त्रिपाठी ने स्वीकार किया है कि अली अहमद वायुसेना केंद्र की जासूसी के अलावा राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के लिए गोरखपुर में नेटवर्क तैयार करने की बात सामने आई है। इस मामले में उससे पूछताछ की जा रही है।