अभी मरीजों को झेलना होगा दवा का संकट
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : जिला अस्पताल में दवाओं की कमी फिलहाल दूर होने के आसार नहीं दिख रहे हैं।
जागरण संवाददाता, गोरखपुर :
जिला अस्पताल में दवाओं की कमी फिलहाल दूर होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। जो हालात हैं उससे साफ है कि अभी कम से कम डेढ़ महीने ऐसे ही दिक्कत रहेगी। अफसरों की सुस्ती से यह स्थिति हुई है।
अस्पताल में दवाओं के लिए आर्डर बीते साल अक्टूबर-नवंबर में साठ अलग-अलग कंपनियों को दिया गया था। दवा कंपनियों को सप्लाई छह सप्ताह के भीतर करनी थी। ऐसा नहीं करने पर आर्डर निरस्त हो जाना चाहिए थे, लेकिन छह सप्ताह कौन कहे सोलह हफ्ते से अधिक बीत गए लेकिन अब तक किसी भी कंपनी का आर्डर निरस्त नहीं हुआ।
जनवरी से ही दवाओं की कमी शुरू हो गई। पिछले दो-तीन हफ्ते से तो हाल यह है कि अस्पताल में सर्दी-खांसी, बुखार, दर्द तक की दवाएं नहीं बची हैं। दवा सप्लाई करने वाली कंपनियों की मनमानी के बावजूद कार्रवाई नहीं होना स्थानीय स्तर से लेकर महानिदेशालय तक के अफसरों को कठघरे में खड़ा करता है। अगले वित्तीय वर्ष के लिए महानिदेशालय स्तर से दवाओं का जो टेंडर हुआ है उसमें कई दवाओं के दाम बढ़े हैं। ऐसे में कंपनियों को लग रहा है कि पुराने रेट से सप्लाई करने में नुकसान होगा। यदि सख्ती नहीं हुई तो दवाओं की कमी बनी रहेगी।
फिलहाल इमरजेंसी में तो किसी तरह लोकल परचेज से दवाएं मंगाई जा रही हैं, लेकिन ओपीडी में इलाज के लिए जाने वाले मरीजों को बमुश्किल दवा मिल पा रही है। वार्ड में भर्ती मरीजों का भी यही हाल है। उनको ज्यादातर दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ रही हैं।
जिन दवा कंपनियों को आर्डर दिया गया है उनसे बातचीत की जा रही है। उम्मीद है कि कुछ जरूरी दवाएं जल्द आ जाएंगी।
डा. एचआर यादव, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक
समाप्त होगा डा. सिंह का पुनर्नियोजन
गोरखपुर: जिला अस्पताल के हड्डी विभाग के आर्थासर्जन डा. आरएन सिंह का पुनर्नियोजन समाप्त किया जाएगा। अस्पताल प्रशासन ने इस संबंध में कार्रवाई शुरू कर दी है।
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. एचआर यादव के अनुसार डा. सिंह के इस्तीफे के बाद यह कार्रवाई की जा रही है। इस संबध में महानिदेशक को पत्र भेज दिया जाएगा।