सहायक अध्यापक बने 19 शिक्षामित्रों का प्रमाणपत्र फर्जी!
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : जनपद में शिक्षक तैनाती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा का मामला प्रकाश में आया है
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : जनपद में शिक्षक तैनाती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा का मामला प्रकाश में आया है। सहायक अध्यापक बने 19 शिक्षा मित्रों का प्रमाणपत्र फर्जी (अपुष्ट) पाया गया है। माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से मिली जांच रिपोर्ट ने बेसिक शिक्षा विभाग के भी कान खड़े कर दिए हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कमलाकर पांडेय ने शिक्षा मित्रों को नोटिस जारी कर दिया है। उनका कहना है कि 3 दिन के अंदर जवाब नहीं मिली तो सेवा समाप्त करने की संस्तुति कर दी जाएगी। यही नहीं मुकदमा दर्ज कर धन की वसूली भी होगी।
यहां जान लें कि पिछले वर्ष ही जिले में 1383 शिक्षा मित्र सहायक अध्यापक बनाए गए। उन्हें वेतन देने से पहले बेसिक शिक्षा विभाग उनके अभिलेखों की जांच-पड़ताल करा रही थी। हालांकि, शिक्षा मित्रों ने पड़ताल में जल्दबाजी और वेतन आहरित करने का दबाव भी बना रहे थे। लेकिन विभाग दबाव में नहीं आया और अभिलेखों की गहन पड़ताल कराई गई। इस दौरान बोर्ड की रिपोर्ट में 19 शिक्षा मित्रों की कलई खुल गई। उनके प्रमाणपत्र को बोर्ड ने अपुष्ट माना है। इसके बाद विभाग ने जांच की निगरानी और बढ़ा दी है। संभावना जताई जा रही है कि कुछ और शिक्षा मित्रों के अभिलेख अपुष्ट हो सकते हैं।
दो शिक्षकों की सेवा
समाप्ति की संस्तुति
सहायक शिक्षा निदेशक, बेसिक (एडी बेसिक) डा. विनोद कुमार शर्मा ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से दो महिला शिक्षकों की सेवा समाप्ति करने की संस्तुति की है। उनका आरोप है कि खजनी स्थित उच्च प्राथमिक विद्यालय सेहुलाखोर के निरीक्षण में सहायक अध्यापक श्रीमती नीलम और श्रीमती संगीता श्रीवास्तव अनुपस्थित पाई गई। छात्रों ने बताया कि वह उन शिक्षिकाओं को जानते तक नहीं हैं। शिकायत मिली थी कि श्रीमती संगीता श्रीवास्तव बिना शिक्षण कार्य किए ही वेतन उठा रही हैं। विद्यालय का लगातार तीन दिन तक निरीक्षण कराया गया, जिसमें दोनों अनुपस्थित रहीं। कार्रवाई के लिए बीएसए को निर्देशित कर दिया गया है। इस बाबत बीएसए ने बताया कि निर्देश मिला है। कार्रवाई की प्रक्रिया जारी है।