आयुर्वेद-होम्योपैथ डाक्टरों के सहारे ओपीडी
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : गोरखपुर के जिस जिला महिला अस्पताल में मंडल के विभिन्न जिलों से महिल
जागरण संवाददाता, गोरखपुर :
गोरखपुर के जिस जिला महिला अस्पताल में मंडल के विभिन्न जिलों से महिलाएं इलाज की उम्मीद लिए आती हैं वहां डाक्टरों की कमी से मुसीबत बढ़ गई है। हाल यह है कि एलोपैथ चिकित्सा पद्धति से इलाज के लिए स्थापित इस अस्पताल की ओपीडी आयुर्वेद व होम्योपैथ चिकित्सकों के भरोसे चल रही है। डाक्टरों की कमी को देखते हुए यहां स्थानीय स्तर से लेकर शासन से महिला चिकित्सकों की तैनाती की गई पर डाक्टरों के ज्वाइन न करने से समस्या बनी हुई है।
जिला महिला अस्पताल की ओपीडी में रोजाना तीन सौ से अधिक महिलाएं इलाज के लिए पहुंचती हैं। इनको उम्मीद रहती है कि यहां विशेषज्ञ चिकित्सकों से बेहतर इलाज मिलेगा, पर यहां उनकी उम्मीद टूट जाती है। यहां की ओपीडी तीन डाक्टरों के भरोसे चल रही है। इसमें से एक होम्योपैथ चिकित्सक हैं जबकि दूसरी आयुर्वेद। तीसरी चिकित्सक एलोपैथ की हैं पर सिर्फ एमबीबीएस हैं।
इस समस्या को अस्पताल के अधिकारी तो अच्छी तरह जानते ही हैं, स्वास्थ्य विभाग के मंडल व जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ शासन की जानकारी में भी है। हर स्तर से डाक्टरों की कमी दूर करने की कोशिश भी हुई। अपर निदेशक, सीएमओ के साथ शासन स्तर से अस्पताल में महिला चिकित्सकों की तैनाती की गई पर ज्यादातर के ज्वाइन न करने से समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है। बीते साल सीएमओ स्तर से आठ महिला चिकित्सकों को यहां भेजा गया, पर सिर्फ तीन ने ज्वाइन किया। डेढ़ महीने पहले शासन स्तर से तीन महिला चिकित्सक डा. रीता गौतम, डा. रुचिका अवस्थी व डा. निशा गुप्ता की तैनाती की गई पर इसमें से अब तक किसी ने ज्वाइन नहीं किया।
इस समय हाल यह है अस्पताल में तीन वरिष्ठ विशेषज्ञ चिकित्सक हैं। इनमे डा. साहिबा सिद्दकी, डा. नीना त्रिपाठी, डा. सुषमा सिंह व हाल में आई डा. सुरभि श्रीवास्तव हैं। एक यह सभी चिकित्सक चौबीस घंटे इमरजेंसी व आपरेशन की जिम्मेदारी संभालती हैं। ऐसे में ओपीडी की जिम्मेदारी आयुर्वेद व होम्योपैथिक डाक्टरों पर है।
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विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के चलते ओपीडी में आयुर्वेद व होम्योपैथ चिकित्सकों की मदद ली जा रही है। सीएमओ व शासन स्तर से चिकित्सकों की तैनाती की गई पर ज्यादातर के ज्वाइन न करने से दिक्कत हो रही है। इससे उच्च अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। जल्द ही डाक्टरों की कमी दूर कर ली जाएगी।
डा. सुनीता कुमार
प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक