मौतों की सही वजह तलाश मासूमों को बचाएं
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : इंसेफ्लाइटिस से हुई सैकड़ों मौतों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने स
जागरण संवाददाता, गोरखपुर :
इंसेफ्लाइटिस से हुई सैकड़ों मौतों पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने सख्त रुख अपनाया है। आयोग ने प्रदेश सरकार से साफ कहा है कि बीमारी पैदा करने वाले कारकों का सटीक पता लगाएं जिससे बचाव व इलाज हो सके। पोलियो को काबू करने के तरीकों का अध्ययन कर इसे भी इंसेफ्लाइटिस के नियंत्रण में अपनाया जाए। बचाव व इलाज के लिए कुछ खास बिंदु तैयार किए जाएं।
आयोग ने यह निर्देश शासन के उस जवाब पर दिया है जिसमें पूर्वाचल में इंसेफ्लाइटिस की रोकथाम के बारे में अपना पक्ष रखा गया है।
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यह है सरकार की सफाई
-टीकाकरण के साथ मच्छरों पर रोकथाम के कारगर उपाय के चलते बेहद कम हुए जापानी इंसेफ्लाइटिस के मामले
-जलजनित इंटरोवायरस के नियंत्रण के लिए कोई टीका मौजूद नहीं
-जलजनित बीमारी के कारकों को खोजने की कोशिशें जारी
- शुद्ध पेयजल के लिए गोरखपुर-बस्ती मंडल के जिलों में किए गए इंतजाम
- सुरक्षित शौचालयों के किए गए निर्माण
-मच्छरों की रोकथाम के लिए हुई फागिंग
-लोगों को जागरूक करने के लिए भी चलाए गए कार्यक्रम
-जिलों में नहीं पाया गया कोई नया सुअरबाड़ा
- सुअर पालकों के लिए भी खास प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए गए
-बीआरडी मेडिकल कालेज में सुविधाएं उच्चीकृत की गई हैं
- सिर्फ इंसेफ्लाइटिस के मरीजों के इलाज के लिए 156 बेडों की व्यवस्था
-जिला अस्पतालों में शुरू की गई दस-दस बेड की आइसीयू
-मरीजों को अस्पताल पहुंचाने के लिए लगाई गई दो हजार एंबुलेंस
-मरीजों की चिह्नित कर उनकी रिपोर्टिग के लिए आशा को हर केस पर तीन सौ रुपये देने की व्यवस्था
-जलजनित इंसेफ्लाइटिस की वजहों का पता लगाने के लिए सीडीसी अटलांटा अमेरिका की मदद भी ले रही है
-बीमारी के बेहतर इलाज को लेकर डाक्टरों का हो रहा प्रशिक्षण
-जांच के लिए प्रयोगशालाओं को भी निर्धारित प्रोटोकाल के मुताबिक किया जा रहा विकसित
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दो महीने भीतर मांगा जवाब
मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि द्वारा पूर्वाचल में सैकड़ों मासूमों की मौत की वजह बने इंसेफ्लाइटिस की रोकथाम व इलाज में लापरवाही की शिकायत के बाद आयोग मामले की सुनवाई कर रहा है। आयोग ने सरकार को जो निर्देश दिए हैं उनको पूरा करने के संबंध में दो महीने के भीतर जवाब भी मांगा है। इसके बारे में आयोग ने शिकायतकर्ता को भी जानकारी दी है।