दूसरे गैंग के लिए मुखबिरी करने पर हुई थी लोकेश की हत्या
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : बेलीपार में कुसमौल गांव के पास 4 नवंबर 2014 को हुई लोकेश उर्फ कन्हैया क
जागरण संवाददाता, गोरखपुर :
बेलीपार में कुसमौल गांव के पास 4 नवंबर 2014 को हुई लोकेश उर्फ कन्हैया की हत्या का पुलिस ने पर्दाफाश करने का दावा किया है। इस मामले में चर्चाओं में रहने वाले शातिर बदमाश अनिमेश श्रीवास्तव उर्फ अनिमेश लाला और उसके दो अन्य साथियों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस की माने तो अपने विरोधी गैंग के लिए उनकी मुखबिरी करने के संदेह में उन्होंने उसकी हत्या की थी। उनकी निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त धारदार हथियार, तीन बाइक और मृतक के कमरे की चाबी तथा उसके मोबाइल का कवर बरामद किया गया है। घटना में शामिल उनके एक अन्य साथी की अभी तलाश की जा रही है।
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों में बिलंदपुर, कैंट के बांसगांव कालोनी निवासी बदमाश अनिमेश लाला के अलावा दाउदपुर, कैंट में रहने वाला घुघली, महराजगंज निवासी शक्तिधर सिंह और कटया, बेलीपार निवासी सोनू के रूप में हुई है। पुलिस अधीक्षक ग्रामीण ब्रजेश सिंह ने बताया कि तीनों को भीटी गांव के पास स्थित ईट भट्ठे से शनिवार को दिन में साढ़े दस बजे के आसपास गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उन्होंने बताया कि अनिमेश लाल गैंग की वरुण सिंह व पिछले दिनों एसटीएफ द्वारा लखनऊ में गिरफ्तार किए गए उसके साथी अंशू दीक्षित गैंग से दुश्मनी चलती थी। लोकेश, अनिमेश गैंग के शक्तिधर सिंह और दूसरे गैंग के वरुण का दोस्त था। विरोधी गैंग की वजह से अनिमेश लाला को वर्ष 2013 से ही ठेकेदारी के कारोबार में काफी नुकसान उठाना पड़ा रहा था। वर्ष 2013 में ही उस पर डीआइजी आवास के सामने हमला भी हुआ था। उसे शक हो गया था कि लोकेश के मुखबिरी से ही उसे ठेकेदारी के धंधे में नुकसान उठाना पड़ रहा है। इसी वजह से उस पर हमला भी हुआ है। इसीलिए उसने लोकेश को रास्ते से हटाने का फैसला किया।
दावत के बहाने शक्तिधर बुलाकर ले गया था साथ : लोकेश का करीबी मित्र अनिमेश लाला गैंग का शक्तिधर सिंह 3 नवंबर को दावत के बहाने उसे बुलाकर अपने साथ ले गया था। उस दिन वह स्टेडियम में चल रही दंगल प्रतियोगिता देख रहा था। फोन से उसकी लोकेशन पूछ शक्तिधर स्टेडियम पहुंचा और वहीं से अपने साथ लेकर चला गया। उसने लोकेश को बताया था कि कुसमौल गांव के पास कुसहिया नाले के पास मैदान में बनाने-खाने का इंतजाम है। इंटीरियर में दावत का मजा लेने के लिए वह उसके साथ जाने को तुरंत तैयार हो गया था।
नशे में धुत करने के बाद काटी गर्दन : दावत के दौरान उन्होंने लोकेश को पहले जमकर शराब पिलाया। नशे में उसके धुत होने के बाद शक्तिधर सिंह, सोनू यादव और उनके फरार साथी ने मिलकर धारदार हथियार से उसका सिर धड़ से अलग कर दिया। गौरतलब है कि घटना के समय अनिमेश लाला मौके पर नहीं था। हत्या करने के बाद तीनों बदमाश अपनी-अपनी बाइक से उसके घर पहुंचे। वहां से उनको साथ लेकर अनिमेश लखनऊ चला गया था।
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राप्ती नदी में फेंका सिर
हत्या की साजिश रचने वाले यह नहीं चाहते थे कि लोकेश की पहचान हो। इसलिए उन्होंने सिर धड़ से अलग कर गायब करने की योजना बनाई थी। इसी योजना के तहत घटना को अंजाम देने के बाद बदमाश उसका सिर अपने साथ झोले में रखकर फोरलेन पुल पर पहुंचे। पुल से उन्होंने उसका सिर राप्ती नदी में फेंक दिया। मृतक की पहचान छिपाने के लिए उन्होंने उसके ऊपर शराब गिराकर शव को जलाने की भी कोशिश की थी लेकिन इसमें सफल नहीं हो पाए थे।
उप निरीक्षक को मिलेगा
इस समय सर्विलांस सेल में कार्यरत उप निरीक्षक धर्मेद्र सिंह घटना के समय नौसड़ चौकी इंचार्ज थे। एसपीआरए ने बताया कि इस घटना का पर्दाफाश करने में उनकी भूमिका काफी अहम रही। नौसड़ चौकी से हटने के बाद भी मोबाइल काल डिटेल और टावर लोकेशन का विश्लेषण कर अभियुक्तों तक पहुंचने के लिए अतिरिक्त प्रयास करना उन्होंने जारी रखा। जिसकी वजह से पुलिस को यह कामयाबी मिली। इसके लिए उनको पुरस्कृत करने का निर्णय लिया गया है।
हुआ यूं था :
बेलीपार थाना क्षेत्र में कुसमौल गांव के पास कुसहिया नाले के किनारे पिछले साल 4 नवंबर को युवक की लाश मिली थी। उसका सिर धड़ से गायब था। एक सप्ताह बाद उसकी पहचान रुस्तमपुर, कैंट में किराये का मकान लेकर रहने वाले हाटा, कुशीनगर के ढाढ़ा बुजुर्ग निवासी नवल किशोर के पुत्र लोकेश उर्फ कन्हैया के रूप में हुई। 3 नवंबर की शाम को किसी का फोन आने के बाद रुस्तमपुर से वह निकला था। तभी से वापस नहीं लौटा। परिजन परेशान थे। इस बीच एक सप्ताह बाद उनको 4 नवंबर को बेलीपार क्षेत्र में युवक की लाश मिलने की सूचना मिली। मृतक के कपड़े और तस्वीर देखकर उन्होंने शव की शिनाख्त की।