इस्लाम का पैगाम है इंसानियत की हिफाजत
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : इंसानियत की हिफाजत करना मजहब-ए-इस्लाम का पैगाम है। असली इस्लाम यानी इंसान
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : इंसानियत की हिफाजत करना मजहब-ए-इस्लाम का पैगाम है। असली इस्लाम यानी इंसानियत की कदरों की हिफाजत करें, न किसी पर जुल्म करें न जुल्म को बर्दाश्त करें। मायूसी और हौसला तोड़ने वाली फिजा में कर्बला वालों की शहादत हमें हौसला देती है।
यह बातें मौलाना कामरान हैदर ने कही। वह अंजुमन-ए-हुसैनिया द्वारा यहां गाजी रौजा में शनिवार को आयोजित मजलिस-ए-अजा को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि सन् 61 हिजरी में भ्रष्ट यजीद ने इस्लाम का चोला पहन लिया था और खुद को मुसलमान कहकर इस्लाम व इंसानियत को दागदार कर रहा था। ऐसे बुरे माहौल में हजरत इमाम हुसैन इस जालिम के खिलाफ खड़े हुए और चंद जांनिसारों के साथ जालिमों से जबरदस्त जंग की। इस जंग में इमाम हुसैन शहीद हो गए। आज इंसानियत का हर तबका इमाम हुसैन की अजमत को सलाम करता है। इसके बाद लखनऊ के नौहेख्वान अली बेलाल काजमी ने अपने नौहों से माहौल को गमगीन बना दिया।
कार्यक्रम में सैयद सिब्ते हसन रिजवी, हाजी मोहम्मद मेंहदी एडवोकेट, एजाज हुसैन रिजवी, शमशेर अली, आबिश अब्बास, इमरान, शोगवार हुसैन, जानी, रईस अब्बास, जौव्वाद, प्रिंस, नायाब हैदर, इमाम रजा, तफसीर, मासूम, तालिब, इब्तेखार, मो. मसूद, रब्बन, अजहर इमाम, फिरोज हैदर, कदर रिजवी, राशिद, पप्पू, जावेद हैदर, अशफाक हैदर, मोहसिन रजा, अकील रिजवी, अहमद भाई, कमर अब्बास, फहीम, मो. अहमद, मोहम्मद, सुल्तान रिजवी, रिजवान, तुलतान हैदर, मंजर, इमदाद इमाम, खादिम हुसैन व जाफर आदि की सहभागिता रही।