आंखों की रोशनी लौटाकर चली गई लाइफ लाइन एक्सप्रेस
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : रेलवे स्टेशन के सैलून साइड में खड़ी लाइफ लाइन एक्सप्रेस पूर्वाचल के मरी
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : रेलवे स्टेशन के सैलून साइड में खड़ी लाइफ लाइन एक्सप्रेस पूर्वाचल के मरीजों के लिए जीवनदायिनी साबित हुई है। लगातार 12 दिन तक चले परीक्षण और आपरेशन के बाद 281 मरीजों की आंखों में रोशनी लौटाकर शनिवार को वह मध्यप्रदेश के लिए रवाना हो गई। यह सभी मरीज मोतियाबिंद रोग से पीड़ित थे और उन्हें धुंधला दिखाई दे रहा था।
लाइफ लाइन एक्सप्रेस के चीफ एक्जीक्यूटिव के अनुसार गोरखपुर में कुल 3524 मरीजों की जांच की गई। आपरेशन वाले मरीजों का आगे भी ख्याल रखा जाएगा। आंख के मरीजों के लिए 5 दिसंबर को रेलवे अस्पताल में कैंप लगाया जाएगा। दांत के मरीज कोई परेशानी होने पर गीडा स्थित डेंटल मेडिकल कालेज में संपर्क कर सकते हैं। कटे होठ वाले मरीजों को लखनऊ स्थित केजीएमसी बुलाया गया है। वहां उनका निश्शुल्क इलाज और आपरेशन होगा। उन्होंने बताया कि कठे होठ के 6 और कान के 84 मरीजों का आपरेशन हुआ। 256 को श्रवण मशीन दिया गया। दांत के 1194 मरीजों में 905 का उपचार किया गया। अंत में मिर्गी के भी 104 मरीज आए, उनमें सबका इलाज किया गया है। भारतीय रेलवे और इंपैक्ट इडिया फाउंडेशन के सहयोग से म¨हद्रा एंड म¨हद्रा कंपनी द्वारा संचालित लाइफ लाइन एक्सप्रेस में आंख, दांत, कान, कटे होठ और मिरगी का निश्शुल्क इलाज और आपेरशन किया गया।