जलकर ले रहे भरपूर, जलापूर्ति गंदा व बदबूदार
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : महानगर में रहते हुए सरकारी इंतजाम ध्वस्त होने के कारण जटेपुर उत्तरी वा
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : महानगर में रहते हुए सरकारी इंतजाम ध्वस्त होने के कारण जटेपुर उत्तरी वार्ड की तीस हजार आबादी अशुद्ध जल का सेवन करने को मजबूर है। पानी कभी-कभी और गंदा आने के कारण लोग परेशान हैं। अब लोग घरों में निजी बो¨रग कराने से लेकर फिल्टर-आरओ लगाए हैं और उसी छोटे हैंडपंपों का पानी टंकी में भरकर पी रहे हैं, जिसका टीडीएस मानक से विपरीत होने के कारण स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है।
शुक्रवार को जागरण टीम वार्ड में गंदे जल की शिकायत पर पहुंची तो दिनेश कुमार, रंजीत सिन्हा, कमलेश पांडेय ने जलापूर्ति व्यवस्था गड़बड़ होने की बात बताई। लोहिया नगर में टीम पहुंची तो वहां मौजूद माला देवी, ज्ञानती समेत अन्य महिलाओं ने पानी का रोना रोया। हर किसी में वह कैसा पानी पीते हैं इसे जानने की जिज्ञासा दिखी। माला देवी ने बताया कि पानी की बहुत दिक्कत है, एक तो पानी मिलता नहीं और जब आता है तो गंदा और बदबूदार जो पीने लायक नहीं रहता। थक-हार कर बो¨रग करा ली। टीम के साथ गए मनीष पांडेय ने पानी जांचा तो टीडीएस 640 मिला, वहीं इनके घर में आरओ के पानी का 70 मिला।
ज्ञानती देवी ने अपने घर के पानी की जांच कराई तो यहां भी टीडीएस 540 रहा। इन्होंने कहा कि टोटी लगा है, लेकिन पानी नहीं आता है। हैंडपंप का पानी निकालने के पांच मिनट के अंदर ही पीला हो जाता है। पीने से लेकर खाना बनाने तक के लिए एक-एक बूंद पानी के संकट का सामना करना पड़ रहा है। सिंधु पाठक के घर 612 और निर्मला श्रीवस्तव के यहां टीडीएस 619 मिला। सावित्री देवी कहती हैं कि जलापूर्ति का पानी पीने लायक नहीं रहता। चेतना कहती हैं कि एक बार टीडीएस जांच कराया तो 1700 निकला, इसी के बाद बो¨रग कराने के साथ आरओ और फिल्टर लगाया। जलापूर्ति का पानी बागवानी की सिंचाई में काम आता है।
वार्ड के लोहिया नगर, मंशा बाग, हाइडिल कालोनी, राम बाग, दलित बस्ती समेत अन्य क्षेत्रों में पानी के संकट के साथ-साथ दूषित जलापूर्ति की समस्या बनी हुई है। लोहिया नगर में उद्धव श्रीवास्तव, संध्या व रूप ने भी जलापूर्ति दूषित होने की शिकायत की।
हल होनी चाहिए जलापूर्ति समस्या : सिरताज अहमद
- पार्षद सिरताज अहमद का कहना है कि वार्ड में अब तक शुद्ध जल की मुकम्मल व्यवस्था नहीं हो सकी है। वर्षो पुरानी भूमिगत पाइप लाइनें जर्जर हो गई हैं। निर्माणाधीन नाले से भी जगह-जगह पाइप क्षतिग्रस्त होने भी पेयजल अशुद्ध मिल रहा है। इसके लिए जलकल को ठोस कार्य योजना तैयार कर शुद्ध जलापूर्ति सुनिश्चित करानी होगी। इसके लिए अधिकारियों से वार्ता तो की ही जाएगी, सदन में भी प्रमुखता से आवाज उठायी जाएगी।
संद शे आए हैं
- मुकेश गुप्ता कहते हैं कि नौसड़ में फोरलेन निर्माण के दौरान पेयजल पाइप टूट गई। एक माह से जलापूर्ति ठप है लोग छोटे हैंडपंपों का दूषित जल पी रहे हैं।
- विनायक त्रिपाठी कहते हैं कि बड़गो के लोग भी दूषित पानी पी रहे हैं, क्या वहां के लोगों को शुद्ध पानी पीने का अधिकार नहीं है। प्रशासन क्या कर रह रहा है?
- छोटे काजीपुर के असरार अहमद कहते हैं कि दूषित जलापूर्ति के कारण पेयजल की बहुत दिक्कत हो रही है। इसे ठीक कराया जाए।