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मानक का मतलब नहीं, घरों में प्रदूषित पानी

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए तय नियम मानक वार्ड संख्या 27

By Edited By: Published: Fri, 21 Nov 2014 02:31 AM (IST)Updated: Fri, 21 Nov 2014 02:31 AM (IST)
मानक का मतलब नहीं, घरों में प्रदूषित पानी

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : नागरिकों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए तय नियम मानक वार्ड संख्या 27 जटेपुर धर्मशाला बाजार क्षेत्र में ताक पर रख दिए गए हैं। लोगों को टोटी के जरिए ही दूषित पानी मिल रहा है। जबकि पेयजल में किसी भी प्रकार की रासायनिक अशुद्धियां नहीं होनी चाहिए। इसकी सावधानी पूर्वक जांच के बाद ही घरों में पानी की आपूर्ति की जानी चाहिए।

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यहां हुई पानी की जांच

जटेपुर उत्तरी निवासी चंदा देवी, सलोनी व ज्योति के घर पानी की जांच में टीडीएस 512 मिला। इनका कहना है कि वर्षो से उनके यहां गंदा पानी आ रहा है। इन लोगों ने कहा कि अब वह जलकल के पानी की जगह पीने के लिए हैंडपंप के पानी का इस्तेमाल करती हैं। जबकि यही पर स्थापित एक हैंडपंप के पानी का टीडीएस 610 मिला। हलांकि महानगर के छोटे हैंडपंपों के पानी को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पहले ही पीने के अयोग्य ठहरा दिया है।

वार्ड निवासी प्रभा देवी, सविता चौरसिया, ज्योति, भारती, निर्मला, गौरी देवी आदि सभी प्रदूषित पानी की समस्या से ग्रसित हैं। इनके घर के पानी की जांच की गई तो टीडीएस 513 मिला। कहती हैं कि जलापूर्ति का पानी सुबह पूरी तरह से काला आता है। कुछ देर गिरने के बाद पानी साफ हो जाता है। यह लोग यही पानी पीते हैं।

जटाशंकर निवासी कामिनी देवी, सुमित्रा, दुर्गावती व रेनू के घर में भी नाली का प्रदूषित पानी आ रहा है। इनके यहां टीडीएस 523 मिला। इन लोगों ने तो यहां तक कहा कि पीले रंग का जो पानी घरों में आता है उससे दुर्गध भी आती है। अब तो हम लोग पानी को गर्म कर ठंडा होने के बाद पीते हैं। इसी तरह विजय कुमार, पार्वती, तारा देवी, शारदा, रमावती देवी, नर्मदा, आफरीन परवीन आदि के घर के पानी की जांच में टीडीएस 507 से लेकर 527 तक मिला।

बीमार हो गए लोग

गुरुद्वारा जटाशंकर के पास रहने वाली मधु व किशनी के घर दूषित पानी के कारण उनके परिवार के सदस्यों की तबीयत खराब हो गई है। उनके बच्चे मेडिकल कालेज में भर्ती हैं। कई बार पानी में गड़बड़ी की शिकायत की जा चुकी है। इसके बाद भी जलापूर्ति व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हुआ। लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। यहां पानी की जांच में टीडीएस 520 मिला। इनके घर के बगल में ही जलापूर्ति का पाइप नालियों से होकर गुजरा है। कुछ स्थान पर पाइप से पानी का रिसाव भी हो रहा है। इसी तरह गुरुद्वारे के पास सरवती, गुड़िया ने दूषित पानी की शिकायत की। इनके घर का पानी जांच में 513 मिला। वहीं जुबेर अहमद, अफरोज, मीरा, राजकुमारी, सुनीता, सकील आदि ने जनप्रतिनिधियों से लेकर अधिकारियों तक को कोसा। यहां भी जलापूर्ति दूषित होने का मुख्य कारण नालियों से होकर गुजरी जर्जर पाइप लाइन हैं।

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वार्ड में जहां भी लीकेज हो रहा है कर्मचारी उसे खोज-खोज कर ठीक कर रहे हैं। यदि जमीन के नीचे से गंदा पानी आ रहा है तो इसका जिम्मेदार नहीं है। डेढ़ साल पहले नए नलकूप के लिए जेई को पत्र लिखा जा चुका है। दूसरी पाइप लाइन बिछाने के बाद ही नाली से पाइप लाइन हटाया जा सकता है।

रविंद्र प्रताप सिंह, पार्षद, उत्तरी जटेपुर धर्मशाला बाजार


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