शान-शौकत के साथ निकला मियां साहब का शाही जुलूस
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : इमामबाड़ा इस्टेट मियां बाजार के सज्जादानशीन अदनान फर्रूख शाह (मियां साहब)
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : इमामबाड़ा इस्टेट मियां बाजार के सज्जादानशीन अदनान फर्रूख शाह (मियां साहब) का शाही जुलूस पांचवीं मोहर्रम यानी गुरुवार को शान- शौकत से निकला। रवायती जुलूस में मियां साहब, उनके निजी अंगरक्षक, फौज, बैंडबाजे, घोड़े व पैदल सिपाही सहित बड़ी संख्या में अकीदतमंद शामिल थे। दर्शनार्थियों से मार्ग खचाखच भरा था।
जुलूस में सबसे आगे इमामबाड़ा इस्टेट का परचम, उसके बाद मियां साहब अपनी रवायती पोशाक सफेद पैरहन में अपने सहयोगियों एवं निजी अंगरक्षकों के बीच चल रहे थे। साथ में घुड़सवार भी थे। मार्ग में जगह-जगह लोगों ने मियां साहब का फूल-मालाओं से इस्तकबाल किया।
जुलूस इमामबाड़ा के पश्चिम फाटक से निकलकर कमाल शहीद मजार, बक्शीपुर, अलीनगर, बेनीगंज, जाफरा बाजार होते हुए कर्बला पहुंचा। वहां मियां साहब ने विश्राम किया। उनके जुलूस के पीछे चल रहा बक्शीपुर से निकलने वाला भगवती का जुलूस जब आगे हो गया तो थोड़ी देर बाद मियां साहब का जुलूस पुन: आगे बढ़ा जो घासीकटरा, मिर्जापुर होते हुए खूनीपुर चौराहा पहुंचा जहां अंजुमन इस्लामिया के बच्चों से मिलकर मियां साहब ने उनकी हौसलाआफजाई की। मियां साहब के एजाज में वहां सबील का एहतमाम किया गया था। वहां से जुलूस कोतवाली, मान चौराहा होते हुए इमामबाड़ा इस्टेट पहुंचकर दक्षिण फाटक से इमामबाड़ा में दाखिल हुआ। इमामबाड़ा में मियां साहब ने फातिहा पढ़ी। इसके बाद अपने पूर्वजों के कब्रिस्तान में फातिहा पढ़ी और जुलूस समाप्ति की घोषणा की तथा सहयोगियों, अवाम, जिला व पुलिस प्रशासन का शुक्रिया अदा किया।
जुलूस में अवाम की भीड़ इतनी अधिक हो गई थी कि सड़क तंग हो रही थी, सड़क के दोनों ओर की पटरियों व छतों पर औरतों व बच्चों का हुजूम था। सभी मियां साहब की एक झलक पाने के लिए बेताब थे और इसके लिए घंटों खड़े रहे। मार्ग में पानी की पर्याप्त व्यवस्था की गई थी।
जुलूस में मियां साहब के साथ जमाल अहमद, जुल्फेकार अहमद, मंजूर आलम, सैयद शहाब अहमद, हाजी अमीरूद्दीन, तौकीर आलम, शकील शाही, आईएच सिद्दीकी, परवेज सिद्दीकी, मिर्जा समीर बेग, इमरान, नवेद खान, शमीम, इरफान, समीर, रोआब, प्रदीप, रतन, नेयाज अहमद, आबिद अली, कुर्बान अली, अयाज अहमद, सैयद इरशाद अहमद, राजू, अजहरूद्दीन, आशू, यूसुफ, काजी आदि उपस्थित थे।
सफेद कबूतर उड़ाकर दिया अमन का संदेश
जुलूस जब जाफरा बाजार चौराहे पर पहुंचा तो वहां मियां साहब अदनान फर्रूख शाह ने शांति के प्रतीक सफेद कबूतरों को उड़ाकर अमन का संदेश दिया और शांति पूर्वक मोहर्रम मनाने की अपील की।
कर्बला में किया विश्राम
जुलूस कर्बला पहुंचने पर मियां साहब ने अपने सहयोगियों के साथ फातिहा पढ़कर शहीदाने कर्बला को ख़ेराजे अकीदत पेश की। इसके बाद अपने पीछे चल रहे भगवती का जुलूस निकलने तक वहीं विश्राम किए।
यहां भी पढ़ी फातिहा
जुलूस के दौरान मार्ग में मियां साहब ने कर्बला के अलावा कमाल शहीद मजार, इमामबाड़ा झिलमिल शाह साहबगंज व कोतवाली स्थित शहीद सरदार अली की मजार पर फातिहा पढ़ी।
भगवती का जुलूस
मियां साहब के जुलूस के पीछे भगवती का जुलूस चल रहा था। इस जुलूस में करतब दिखाते युवक, ऊंट की लंबी कतारें व बड़ी संख्या में सद्दा व अकीदतमंद शामिल थे।
कहां किसने किया स्वागत
-इमामबाड़ा पश्चिम फाटक- मो. ईसा खां, असलम शन्नू, रामप्रीत यादव, बब्लू, शहजादे, शहनवाज आदि।
-कमालशहीद मजार-खुदाबक्श, डा. मुमताज अहमद खां, रहमान, शुक्रुल्लाह बख्श, मुख्तार खा, फहीम, यूसुफ, सलीम, महमूद खान व शमशेर आदि।
-अग्रवाल भवन- राम कुमार, शकील व सरवन आदि।
-अलीनगर चौराहा- शकील, विवेक शुक्ला, जावेद, विनय दूबे, याकूब लारी, जगमोहन, शहाबुद्दीन आदि।
-चरनलाल चौराहा- इमामबाड़ा कमेटी के अध्यक्ष आफताब अहमद, अतीकुर्रहमान, सैयद इरशाद अहमद, मोहम्मद रईस आदि।
-बेनीगंज ईदगाह- अकबर अली खान, मोहम्मद अयूब, इमरान आलम, नबी हुसैन, जेया आलम, मंसूर आलम, नबीउल्लाह, अब्दुल्लाह आदि।
-जाफरा बाजार चौराहा- डा. सुधाकर पाण्डेय, दुर्गेश, सत्यप्रकाश, डा. धर्मदेव गुप्ता, अन्नू यादव, शकील शाही, अशोक आदि।
-इमामबाड़ा काठ की ताजिया- मकसूद अहमद, महमूद हसन, नूर आलम, हाजी रिजवान, एकबाल, शमशेर आदि।
-खूनीपुर चौराहा- लड्डन खान, अरशद जमाल, अशफाक मेकरानी, सूरज भारती, संजय, सुरेश अग्रहरी, अच्छन मेकरानी आदि।
-अंजुमन इस्लामिया- डा. रफीउल्लाह बेग व साथियों ने। थोड़ा आगे जाने पर कारी शाह आलम, सैयद इरशाद, सतीश कुमार, उमर, गुड्डू, शमीम, अरशद, नसीम आदि।
-सरदार अली मजार के पास- बालजागृति के राजीव रस्तोगी, निसारूल्लाह, मास्टर साहब आदि।
-मान चौराहा- कुछ लड़कियों ने सामूहिक रूप से पुष्पवर्षा एवं माल्यार्पण कर मियां साहब का स्वागत कर आशीर्वाद लिया। यहीं विश्वनाथ गुप्ता, राजेन्द्र शाह, मुनव्वर, पप्पू आदि ने फूल-मालाओं से उनका स्वागत किया।