छठ पूजन के बाद भूल गए जिम्मेदारी
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : महानगर में छठ पर्व पर सूर्य को अर्घ्य देने के लिए दो दिन पहले नदी घाटों,
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : महानगर में छठ पर्व पर सूर्य को अर्घ्य देने के लिए दो दिन पहले नदी घाटों, तालाबों, पोखरों को साफ सुथरा कर चमका दिया गया था। ऐसा लगा मानो सचमुच छठ मइया का आगमन हो रहा है। पर गुरुवार को छठ पूजा समाप्त होते ही घाटों पर जो दृश्य उत्पन्न हुआ उससे लगा ही नहीं कि यह वह लोग थे जो दो दिन पूर्व घाटों को चमकाने के लिए दिन रात एक किए थे।
बुधवार को राप्ती नदी के राजघाट, शंकर घाट, तकिया घाट, सूरज कुंड में सूर्यकुंड धाम तालाब, रामगढ़ ताल के किनारे बनाए गए विभिन्न घाट, अंबेडकर पार्क, बिलदंपुर तालाब आदि घाटों परभगवान सूर्य को अर्घ्य देने के लिए छठव्रतियों की काफी भीड़ जुटी। लेकिन पूजा करने के बाद लोग कचरा साफ करना भूल गए। राप्ती नदी घाट पर छठ पूजन के बाद जगह-जगह कूड़े का अम्बार नजर आया। जिधर देखिये कूड़ा ही नजर आया। पूरा घाट लकड़ी, प्लास्टिक के पत्तल की गंदगी में तब्दील हो गया है। वहीं अनेक संगठनों द्वारा बांटे गए प्रसाद का जूठन घाटों पर देखा जा सकता है। यहां स्वयं सेवी संगठनों से लगायत नगर निगम तक ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। लेकिन पूजन के बाद न तो निगम कर्मी ही नजर आए और न ही स्वयंसेवी संगठन। अब यह सारा कचरा नदी में ही जाएगा।
इसी प्रकार मोहद्दीपुर में रागढ़ताल के किनारे बनाए गए घाट पर दो दिन पूर्व साफ-सफाई की गई थी। छठ पर्व की समाप्ति के बाद घाट पर गंदगी का अंबार दिखा। जगह-जगह पर अगरबत्ती, प्लास्टिक की थैली, गन्ना के टुकड़े आदि के फैले हैं। कुछ ऐसी ही स्थिति सूरजकुंड तालाब में भी देखने को मिली। नारियल के छिलके, कागज के टुकड़े, माचिस-अगरबत्ती के खोखे सीढि़यों पर हो बिखरे ही हैं फूल सहित अन्य पूजन सामग्री लोगों ने पोखरे में बहा दी। तालाब का पानी नाली के पानी जैसा दिख रहा है। तारामंडल क्षेत्र में अंबेडकर उद्यान के पास बना घाट भी कूड़े के अंबार से पट गया है। कुछ ऐसी ही स्थिति रामगढ़ताल के किनारे स्थित नौका विहार घाट पर भी देखने को मिली।
तालाब को बना दिया खबसूरत
छठ पर्व की समाप्ति के बाद गोरखनाथ व बिलंदपुर तालाब पूरी तरह साफ मिले। गोरखनाथ में सुबह का अर्घ्य समाप्त होते ही मंदिर के कर्मचारियों ने तालाब के घाट की साफ-सफाई कर दी। ऐसे ही स्थिति बिलंदपुर तालाब की भी रही। सुबह दस बजे तक तालाब की पूरी सफाई कर दी गई थी। शाम को यहां तालाब के चारो तरफ दीप जलाकर दिवाली मनाई गई। यहां की छठ पूजा समिति ने अपने आयोजन से उदाहरण प्रस्तुत किया।