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दस लाख के गबन का आरोपी बहाल

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : खाद्य विभाग में दस लाख रुपये के गबन के आरोपी कनिष्ठ लिपिक (तत्कालीन केंद्

By Edited By: Published: Fri, 31 Oct 2014 01:57 AM (IST)Updated: Fri, 31 Oct 2014 01:57 AM (IST)
दस लाख के गबन का आरोपी बहाल

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : खाद्य विभाग में दस लाख रुपये के गबन के आरोपी कनिष्ठ लिपिक (तत्कालीन केंद्र प्रभारी सुकरौली) को जांच पूरी हुए बगैर ही बहाल कर दिया गया है। लिपिक की बहाली पर सवाल उठने लगे हैं। आरोपी लिपिक ने उच्च न्यायालय में वाद भी दायर कर रखा है। न्यायालय में वाद लंबित रहने के दौरान ही बहाली की कार्रवाई की गई है।

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कुशीनगर जनपद के सुकरौली के तत्कालीन केंद्र प्रभारी सुनील कुमार पर वित्तीय अनियमितताएं बरतने का आरोप है। अप्रैल से अगस्त 2013 तक निर्गत खाद्यान्न व चीनी के मूल्य के सापेक्ष 317000 रुपये कम उपलब्ध कराए गए। इसके लिए विभागीय अधिकारियों ने कई बार पत्र लिखकर केंद्र प्रभारी को धनराशि जमा कराने का निर्देश दिया। इसके अलावा सुनील कुमार द्वारा दिए गए चार्ज में 5406 नए बोरे व 5406 बोरे (एक बार उपयोग किए गए) कम दिए गए हैं। विभागीय दर के अनुसार 80 रुपये प्रति नए बोरे के हिसाब से 432480 रुपये तथा एक बार उपयोग किए गए 5406 बोरों की कीमत 259488 रुपये निर्धारित की गई है। इस प्रकार 691968 रुपये तथा खाद्यान्न व चीनी के मद में 317000 रुपये मिलाकर 1008968 रुपये का गबन हुआ है।

पुलिस की जांच में नहीं मिले चोरी के सबूत :

आरोपी केंद्र प्रभारी द्वारा 18 जून 2013 को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के गोदाम से 165 बोरी गेहूं व 196 बोरी चावल के चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने विवेचना में चोरी की घटना से इंकार करते हुए मामले में फाइनल रिपोर्ट लगा दी। अगर गोदाम से खाद्यान्न चोरी नहीं हुआ तो माल कहां गया? इस मामले में केंद्र प्रभारी से अधिकारियों ने स्पष्टीकरण मांगा था लेकिन, आरोपी द्वारा कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया।

वसूली से बचने के लिए बहाना बना रहे हैं आरोपी लिपिक : रुपेश सिंह

जिला खाद्य विपणन अधिकारी कुशीनगर रुपेश सिंह का कहना है कि आरोपी लिपिक सुनील वसूली से बचने के लिए बहाना बना रहे हैं। उनके ऊपर करोड़ों रुपये का सीएमआर बकाया है। इसके अलावा सार्वजनिक वितरण प्रणाली में भी दस लाख रुपये से ऊपर रिकवरी का आदेश है। उनको मैंने निलंबित कराया है इसलिए वह मेरे खिलाफ अनर्गल प्रलाप कर रहे हैं।

मामला रुपेश सिंह की देन : सुनील

आरोपी लिपिक सुनील कुमार का कहना है कि यह प्रकरण जिला खाद्य विपणन अधिकारी रुपेश सिंह की ही देन है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली में जो भी मामले उजागर हुए हैं उन सबमें रुपेश सिंह का ही हाथ है।


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