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आम आदमी बीमा योजना औंधे मुंह

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर - बस्ती मंडल में आम आदमी बीमा योजना औंधे मुंह गिर गई है। इस योजना

By Edited By: Published: Thu, 23 Oct 2014 11:01 PM (IST)Updated: Thu, 23 Oct 2014 11:01 PM (IST)
आम आदमी बीमा योजना औंधे मुंह

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। गोरखपुर - बस्ती मंडल में आम आदमी बीमा योजना औंधे मुंह गिर गई है। इस योजना में गरीबों को कुछ देना नहीं पड़ता और मृत्यु होने पर 30 हजार व दुर्घटना मृत्यु या पूर्ण अपंगता पर 75 हजार रुपये प्रदान किए जाते हैं। साथ ही दो बच्चों की शिक्षा मुफ्त हो जाती है। गरीबों को आर्थिक व सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने वाली इस योजना का लाभ प्रशासनिक उदासीनता के चलते यहां के गरीबों को नहीं मिल पाया।

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इस योजना में भारतीय जीवन बीमा निगम उन्हीं का बीमा करता है जिनकी सूची जिला प्रशासन भेजता है। गोरखपुर -बस्ती मंडल के सभी सात जनपदों में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वालों की संख्या 3 से लेकर 5 लाख तक है। लेकिन निगम को जिला प्रशासन द्वारा सौंपी गई सूचियां हजार में हैं। केवल कुशीनगर के जिला प्रशासन ने एक लाख से अधिक गरीबों की सूची भारतीय जीवन बीमा निगम को सौंपी है।

जिला भेजी गई सूची

गोरखपुर 37991

महराजगंज 19713

देवरिया 35562

कुशीनगर 186418

संतकबीर नगर 16497

बस्ती 30543

सिद्धार्थनगर 12501

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क्या है योजना

भारत सरकार ने 2008 में आम आदमी बीमा योजना शुरू कर इसकी नोडल एजेंसी भारतीय जीवन बीमा निगम को बना दिया। इस योजना में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाले 18 से 59 साल तक के भूमिहीन लोगों का निश्शुल्क जीवन बीमा किया जाता है। 200 रुपये का प्रीमियम है जिसमें 100 रुपये केंद्र सरकार व 100 रुपये राज्य सरकार, एनजीओ या नोडल एजेंसी द्वारा वहन किया जाता है। इस योजना में उन्हीं का बीमा होता है जिनकी सूची प्रशासन बीमा निगम को भेजता है। बीमित व्यक्ति की मृत्यु पर 30 हजार, दुर्घटना मृत्यु या पूर्ण अपंगता पर 75 हजार रुपये दिए जाते हैं। साथ ही उसके दो बच्चों को कक्षा 9 से 12 तक 1200-1200 वार्षिक छात्रवृत्ति दी जाती है।

निगम बीमा करने को तैयार है

भारतीय जीवन बीमा निगम के वरिष्ठ मंडल प्रमुख प्रशांत दीक्षित ने कहा यह बहुत अच्छी योजना है। निगम बीमा करने को तैयार है, प्रशासन से जितनी सूची अभी तक मिली, सभी का बीमा कर दिया गया है। इस योजना के अंतर्गत गोरखपुर मंडल में अबतक 162 मृत्यु एवं दुर्घटना दावों में 55.80 लाख का भुगतान किया गया है। 1307 बच्चों को छात्रवृत्ति के रूप में 7.84 लाख रुपये का भुगतान हुआ है।

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भूमिहीन होना जरूरी है

उपजिलाधिकारी प्रशासन सुरेशचंद्र तिवारी ने कहा कि इस योजना में ऐसे गरीबों का बीमा होता है जो भूमिहीन हों। एक विस्वा जमीन भी यदि उनके पास है तो वे इस योजना में नहीं आ सकते। जितने लोग भी ऐसे मिले जो गरीबी रेखा से नीचे हैं और भूमिहीन भी हैं, उनकी सूची बीमा निगम को भेज दी गई है।


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