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आपकी आस्था ने किया राप्ती को और बेहाल

गोरखपुर : राप्ती नदी में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन होने से जिसकी आशंका थी, वही हुआ। जीवनदायिनी इस नदी

By Edited By: Published: Thu, 23 Oct 2014 11:01 PM (IST)Updated: Thu, 23 Oct 2014 11:01 PM (IST)
आपकी आस्था ने किया राप्ती को और बेहाल

गोरखपुर : राप्ती नदी में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन होने से जिसकी आशंका थी, वही हुआ। जीवनदायिनी इस नदी में प्रदूषण और बढ़ गया। इसमें जहरीले तत्वों का समावेश हो गया। इनमें कैंसर जैसी बीमारियों के कारक तत्व भी शामिल हैं। नदी में विद्यमान जलीय जीवों के लिए निश्चित ही यह खतरनाक है।

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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की जांच रिपोर्ट में यह सच्चाई उजागर हुई है। बोर्ड के विशेषज्ञों ने विसर्जन के पूर्व, विसर्जन के दौरान व विसर्जन के बाद तीन चक्रों में राप्ती के जल का नमूना लिया था। जांच में प्रमाणित हुआ है कि यह प्रदूषण प्रतिमाओं में प्रयोग होने वाले रासायनिक रंगों के कारण बढ़ा है। विसर्जन के पूर्व जहां पानी में खतरनाक तत्वों की मात्रा खोज स्तर से नीचे थी, वहीं विसर्जन के दौरान अचानक बढ़ गई। क्रोमियम, लेड, जिंक व कापर की मात्रा विसर्जन के पूर्व खोज स्तर से नीचे थी लेकिन विसर्जन के दिन अचानक सुरक्षा चक्र से ऊपर आ गई। खतरनाक रसायनों का वृद्धि स्तर नदी जल के प्रदूषण की सीमा रेखा तक पहुंच गया है। -----------------

लेड, क्रोमियम कैंसर के कारक

पर्यावरणविद डा. गोविंद पांडेय बताते हैं कि नदी जल में लेड, क्रोमियम जैसे तत्व यदि मानक से अधिक होते हैं तो ये कैंसर के कारक बनते हैं। कार्बनिक पदार्थो की वजह से आक्सीजन की मात्रा घटती है और विनाशक जीवाणुओं की संख्या में वृद्धि होती है। यह मानव जीवन के लिए हानिकारक है।

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विसर्जन से प्रदूषण बढ़ा है

क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी एसबी सिंह बताते हैं कि नमूनों की जांच में यह तथ्य सामने आया है कि खतरनाक रसायनों से बनी प्रतिमाओं के विसर्जन के कारण राप्ती में प्रदूषण बढ़ा है। यह हम सबके लिए चेतावनी है। बोर्ड की जांच टीम में डा. एससी शुक्ला, राममिलन वर्मा व अयोध्या प्रसाद शामिल थे।

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यह है जांच रिपोर्ट

मूर्ति विसर्जन के पूर्व

तत्व मान

तापक्रम 24 डिसे

पीएच 7.92

कुल ठोस पदार्थ 478

घुलित ठोस पदार्थ 418

निलंबित ठोस पदार्थ 60

बीओडी 4.1

सीओडी 20

कुल कठोरता 174

कैल्शियम 50

क्लोराइड 38

फास्फेट 0.22

नाइट्रेट 0.28

सल्फेट 7.2

चालकता 710

घुलित आक्सीजन 7.4

गंदलापन 20

क्रोमियम बीडीएल (बिलो डिटेक्टेबल लिमिट)

लेड बीडीएल

जिंक बीडीएल

कापर बीडीएल

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विसर्जन के दौरान

तत्व मान

तापक्रम 25 डिग्रीसेंटीग्रेड

पीएच 7.76

कुल ठोस पदार्थ 588

घुलित ठोस पदार्थ 506

निलंबित ठोस पदार्थ 82

बीओडी 6.6

सीओडी 44

कुल कठोरता 218

कैल्शियम 64

क्लोराइड 56

फास्फेट 0.34

नाइट्रेट 0.46

सल्फेट 8.8

चालकता 884

घुलित आक्सीजन 7.00

गंदलापन 34

क्रोमियम 0.06

लेड 0.05

जिंक 0.96

कापर 0.04

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विसर्जन के बाद

तत्व मान

तापक्रम 24 डिग्रीसेंटीग्रेड

पीएच 7.78

कुल ठोस पदार्थ 544

घुलित ठोस पदार्थ 470

निलंबित ठोस पदार्थ 74

बीओडी 5.6

सीओडी 28

कुल कठोरता 202

कैल्शियम 60

क्लोराइड 50

फास्फेट 0.28

नाइट्रेट 0.36

सल्फेट 7.8

चालकता 772

घुलित आक्सीजन 7.2

गंदलापन 26

क्रोमियम 0.05

लेड 0.04

जिंक 0.74

कापर 0.03

(नोट- पीएच को छोड़कर सभी आंकड़े मिलीग्राम प्रति लीटर हैं)

लक्ष्मी प्रतिमा विसर्जन में रहे ध्यान

रोशनी के पर्व दीपावली पर शहर में बड़ी संख्या में मां लक्ष्मी गणेश की प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। इन प्रतिमाओं का विसर्जन दुर्गा प्रतिमाओं की भांति धूमधाम से किया जाता है। इस बार दुर्गा प्रतिमाओं के विसर्जन के समय जिस प्रकार वैकल्पिक उपाय किए गए थे उन्हीं का उपयोग लक्ष्मी गणेश प्रतिमाओं के विसर्जन में किया जा सकता है। नदी जल का सुरक्षित होना मनुष्य ही नहीं जीव जंतुओं की सेहत के लिए भी आवश्यक है।


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