ऐसा लगा जैसे जान ही ले लेंगे
गोरखपुर : ट्रेनों में लूटपाट और छेड़खानी की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रहीं। बुधवार की रात अलीगढ़
गोरखपुर : ट्रेनों में लूटपाट और छेड़खानी की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रहीं। बुधवार की रात अलीगढ़ के पास नई दिल्ली से बरौनी जा रही 12554 वैशाली एक्सप्रेस की साधारण बोगी (डी 5) में लुटे-पिटे यात्रियों के चेहरों पर खौफ चस्पा था। गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंचे अधिकतर यात्रियों ने अलीगढ़ के पास बदमाशों द्वारा की गई लूटपाट को कभी न भूलने वाली घटना बताया तथा ट्रेन की सुरक्षा पर सवाल खड़ा किया। डरे-सहमे यात्रियों ने बताया कि बदमाश इस तरह आक्रामक थे कि उनके सामने कोई प्रतिरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। वे सबको पीटते-लूटते निकल गए। ऐसा लग रहा था कि बदमाश हमारी जान ही ले लेंगे।
लूट की घटना के बाद यात्रियों की पूरी रात दहशत में बीती। दिल्ली से कमाकर दीपावली मनाने घर आ रहे परदेसियों का पर्व रेलवे की उदासीनता की भेंट चढ़ गया। उनकी गाढ़ी कमाई बदमाशों ने लूट ली। वे तो घर खुशियां मनाने जा रहे थे। उन्हें क्या पता था कि उनकी खुशियों पर ग्रहण लग जाएगा। वे बच्चों को से क्या कहेंगे। सारा सामान तो लुट गया। गुरुवार को 9.30 बजे गोरखपुर के प्लेटफार्म नंबर 2 पर ट्रेन पहुंची। लूटपाट के शिकार देवरिया के कृष्णा और रवि तथा सीवान के अशोक और प्रकाश का कहना था इंजन से पीछे दूसरे नंबर की बोगी में हम सब परिवार के साथ बैठे थे। भीड़ के बीच लगभग 8-10 लोग दिल्ली में ही बोगी में चढ़ गए थे। रात 10 बजे के आसपास दिल्ली और अलीगढ़ के बीच बदमाशों ने बोगी की लाइट बुझानी शुरू कर दी। अभी कुछ लोग समझ पाते कि उन्होंने बैग लूटना शुरू कर दिया। महिलाओं के गहने नोचने लगे। कुछ लोगों ने विरोध किया तो उनकी जमकर पिटाई की। बिहार छपरा निवासी शिव कुमार, रवि, विकास और तारकेश्वर आदि यात्रियों ने बताया कि बदमाशों ने बुजुर्ग और बच्चों को भी नहीं बख्शा। बोगी में चीख-पुकार मच गई। अफरा- तफरी के बीच लूटपाट कर वे रास्ते में अलीगढ़ के पास चेनपुलिंग कर उतर गए। बैग में रुपये, बच्चों के कपड़े और मिठाई आदि थे। बदमाश सब लेक चले गए। रात भर बोगी के यात्री दहशत में रहे। रास्ते में किसी ने पूछताछ भी नहीं की। यह कहते ही यात्रियों का चेहरा बुझ सा गया। दीपावली की खुशी अंदर ही अंदर घुट कर रह गई।
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रेलवे ने नहीं ली सुध
लूट के शिकार यात्रियों के अनुसार सुरक्षा बल के एक भी जवान सामने नहीं आए। गोरखपुर पहुंचने पर भी रेलवे ने उनकी सुध नहीं ली। जबकि, सभी महत्वपूर्ण ट्रेनों में जीआरपी और आरपीएफ का संयुक्त एस्कॉर्ट चलता है। उनके लिए बकायदा बर्थ आरक्षित रहता है। तो सवाल यह है कि लूटपाट के समय एस्कॉर्ट के जवान कहां चले जाते हैं। अब तक आधा दर्जन ट्रेनों में भीषण लूटपाट और 9 बड़ी रेल दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। जिसमें कई यात्री हताहत हुए हैं।
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पहले भी हो चुकी हैं घटनाएं,
- 20 अक्टूबर को बांद्रा से मुजफ्फरपुर जा रही अवध एक्सप्रेस में इटावा के भरथना के पास बदमाशों ने जमकर लूटपाट की।
- 8 अगस्त को 15047 पूर्वाचल एक्सप्रेस की दो एसी बोगियों में झारखंड स्थित जसीडीह के पास तुलसीटांड़ में जमकर लूटपाट।
- 18 अगस्त को हटिया जा रही 15028 मौर्य एक्सप्रेस में बिहार के रांची-हटिया मार्ग पर बदमाशों ने जमकर लूटपाट की। दो यात्री मारे गए।
- 30 अगस्त को 12408 कर्मभूमि एक्सप्रेस की जनरल बोगी में बदमाशों ने 250 यात्रियों से लाखों की नकदी व जेवर लूट लिए।
- 30 अगस्त को ही महानगरी एक्सप्रेस में मानिकपुर आउटर पर कच्छाधारी गिरोह ने धावा बोल दिया। विरोध करने पर दर्जनों यात्री जख्मी हुए।
- 17 अक्टूबर को इंटरसिटी एक्सप्रेस के डी 3 कोच में आधा दर्जन शोहदों ने हाकी खिलाड़ियों से छेड़खानी की।
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'लूट की घटना गंभीर है। राजकीय रेलवे पुलिस को इस प्रकरण से अवगत कराया गया है। उत्तर रेलवे परिक्षेत्र के संबंधित अधिकारियों को भी जानकारी दी गई है। अभियान चलाकर सुरक्षा व्यवस्था को और दुरुस्त करने के उपाय किए जा रहे हैं।'
आलोक कुमार सिंह, सीपीआरओ