.. तो बिना लाइसेंस कैसे लगीं पटाखे की 21 दुकानें
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : सहजनवा कस्बे में पटाखा की दुकानों में लगी आग ने प्रशासन को कटघरे में खड़ा
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : सहजनवा कस्बे में पटाखा की दुकानों में लगी आग ने प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। सवाल इस बात का है कि जब लाइसेंस जारी ही नहीं हुए तो ये दुकानें सज कैसे गई, कौन है इसका जिम्मेदार। वह भी तब जब उप जिलाधिकारी अभय कुमार मिश्र ने खुद यह स्वीकार किया है कि पटाखे की दुकान लगाने के लिए किसी को लाइसेंस नहीं दिया गया था। उन्होंने बताया कि इन दुकानदारों ने लाइसेंस के लिए आवेदन जरूर किया था लेकिन किसी को लाइसेंस जारी नहीं किया गया था। बावजूद इसके उन्होंने दुकानें लगा ली थी। उन्होंने गैर कानूनी कार्य करने वाले इन दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है।
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व्यवस्था पर भारी ये भी सवाल
अहम सवाल यह है कि अवैध रूप से जब दुकानें लगाई जा रही थीं तो उनको रोका क्यों नहीं गया, चौकसी की बात करने वालों की क्या उधर नजर नहीं पड़ी? यह जिम्मेदारी आखिर किसकी है? जब सरेआम अवैध रूप से दुकानें लग रहीं थी तभी कार्रवाई क्यों नहीं की गई? सवाल यह भी है कि यदि हादसा नहीं होता तब भी दुकानदारों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होता और कार्रवाई होती?
अग्निशमन को दें तत्काल सूचना
दिवाली पर यदि कहीं पटाखा या किसी अन्य कारणों से आग लगने की घटना हो जाती है तो इसकी सूचना तत्काल अग्निशमन विभाग के फोन नं. 100 या 101 पर दें। आपकी तत्परता ही बड़ी दुर्घटना को रोक सकती है।
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पहले भी होते रहे हैं हादसे
- चिलुआताल के मानीराम जून 2013 में पटाखा फैक्ट्री में आग लगने विस्फोट में चार मजदूरों की मौत हो गई थी।
- वर्ष 2011 में दीवाली के दिन ही तरंग क्रासिग पर कोतवाली थाना क्षेत्र में पटाखे की दुकान में आग लग गई थी।
- वर्ष 2006 में गोरखनाथ के हुमायूॅपुर उत्तरी में पटाखे की दुकान में आग लगने से दुकानदार की बेटी की मौत हो गई थी।
- वर्ष 2005 में खजनी थाना क्षेत्र में पटाखे के गोदाम में आग लगने से तीन मजदूरों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे।
- वर्ष 1999 में रेती चौराहे के पास कोतवाली क्षेत्र में पटाखे की गोदाम में आग लगने से चार लोगों की मौत हो गई थी।
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सहजनवां में पटाखा की अवैध दुकान लगाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। दुकानें कैसे लग गई थी, इसकी जांच होगी और जिस स्तर पर लापरवाही हुई होगी उससे संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
-रंजन कुमार, डीएम
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