पुलिस ने शहीदों को किया सलाम
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का बाकी यही न
जागरण संवाददाता, गोरखपुर :
शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले, वतन पर मरने वालों का बाकी यही निशा होगा। मंगलवार को पुलिस स्मृति दिवस पर इन पंक्तियों ने साकार रूप ले लिया। पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस पर डीजी पीटीएस, गोरखपुर विजय सिंह सहित जनपद के सभी पुलिस अधिकारियों के अलावा दारोगा व सिपाहियों ने अपने शहीद साथियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया और उनके सम्मान में शस्त्र उल्टा कर सलामी देने के बाद दो मिनट का मौन रखा। कार्यक्रम के अंत में ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले दो पुलिस कर्मियों की पत्िनयों को सम्मानित किया गया। इस मौके पर डीजी पीटीएस ने कहा कि मातृभूमि की रक्षा में जान न्यौछावर करने वाले जवानों की याद में मनाए जाने वाले इस दिवस पर हम उनको नमन करते हैं।
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह आठ बजे हुई। आयोजन के मुख्य अतिथि डीजी पीटीएस पहले स्मृति स्थल पर पुष्प चक्र अर्पित किया। इसके बाद आइजी सतीश कुमार माथुर, डीआइजी डा. संजीव गुप्त, एसएसपी आरके भारद्वाज, एसपी रेलवे, एसपी पीटीएस हरीश कुमार, एसपी विजलेंस, एसपी अभिसूचना, एसपी सिटी सतेंद्र कुमार, एसपीआरए ब्रजेश सिंह, एसपी ट्रैफिक रमाकांत के अलाव जनपद व पुलिस के अन्य अनुभागों में तैनात क्षेत्राधिकारियों, दारोगाओं व सिपाहियों ने श्रद्धासुमन अर्पित किया। इसके बाद शस्त्र उल्टा कर दो मिनट का मौन रखा गया।
आखिर में डीजी पीटीएस ने 1 सितंबर 2013 से 31 अगस्त 2014 के बीच ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले देश के पुलिसकर्मियों और अधिकारियों का नाम पढ़ा। इस दौरान उन्होंने पुलिस स्मृति दिवस क्यों मनाया जाता है, की भी जानकारी दी। बाद में दो सिपाहियों की विधवाओं को उन्होंने सम्मानित किया और उनकी समस्याएं सुनीं।
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इनको किया गया सम्मानित
चिलमापुर, खोराबार निवासी स्व. ब्रजेश यादव की पत्नी सुषमा यादव और शाहपुर के सैनिक कुंज, नंदानगर निवासी स्व. त्रिलोकी नाथ सिंह की पत्नी सुनीता सिंह को डीजी पीटीएस ने एक-एक साल और पांच-पांच हजार रुपये का चेक देकर सम्मानित किया। ब्रजेश सिंह महराजगंज में तैनात थे। 29 अगस्त 2013 को ड्यूटी के दौरान उनकी जान चली गई थी। त्रिलोकी सिंह, 26वीं वाहिनी पीएसी गोरखपुर में कार्यरत थे। दस जनवरी 2014 को ड्यूटी के दौरान उनकी मौत हो गई थी।
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फफक पड़ी पीएसी जवान की पत्नी
पीएसी जवान स्व. त्रिलोकी नाथ सिंह की पत्नी सुनीता सिंह से डीजी पीटीएस ने उनकी समस्या पूछी तो वह खुद को रोक नहीं सकी। उनके सामने ही वह फफक पड़ीं। ढांढस बंधाने पर उन्होंने बताया कि उनका एक बेटा है समीर। वह विकलांग है। बेटी तनुजा इंटर में पढ़ती है। पति की मौत के बाद उन्हें सामान्य पेंशन ही मिलती है जबकि पति के सेवा काल तक उनको हर माह मिलने वाला वेतन उन्हें पेंशन के रूप में मिलना चाहिए। कम पैसे में घर चलाना मुश्किल हो रहा है। डीजी ने इसको गंभीरता से लिया। उन्होंने तुरंत आइजी जोन सतीश कुमार माथुर से इस संबंध में बात की और पूरी पेंशन दिलाने की औपचारिकता शीघ्र पूरी करने का निर्देश दिया। उन्होंने श्रीमती सिंह को अपना मोबाइल नंबर देकर, समस्या का समाधान न होने पर इस बारे में कुछ दिन बाद बताने को कहा।
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क्यों मनाते हैं पुलिस स्मृति दिवस
पुलिस स्मृति दिवस 21 अक्टूबर 1968 को लद्दाख सीमा पर चीनी सैनिकों के हमले में शहीद हुए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दस जवानों की याद में हर साल मनाया जाता है। लद्दाख सीमा पर सामान्य गश्त पर निकले जवानों पर चीनी सैनिकों ने स्वचालित राइफल और मोर्टार घात लगाकर हमला कर दिया। सामान्य राइफल होने के बावजूद भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को मुंह तोड़ जवाब दिया। उनसे लड़ते हुए सभी जवान शहीद हो गए थे। उन्हीं की याद में इस 21 अक्टूबर को हार साल पुलिस स्मृति दिवस मनाया जाता है।