दहशत से भर उठा महेवा चुंगी इलाका
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : महेवा चुंगी इलाके में हाबर्ट बांध पर स्थित चौधरी कांपलेक्स के प्रथम तल
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : महेवा चुंगी इलाके में हाबर्ट बांध पर स्थित चौधरी कांपलेक्स के प्रथम तल पर स्थित एके इंटरप्राइजेज के गोदाम में आग लगते ही पूरा इलाका दशहत से भर उठा था। बुझाने के प्रयासों के बाद भी आग लगातार भयंकर रूप धारण करती जा रही थी। आसपास के घरों से तत्काल सामान निकाल घर खाली कर दिए गए।
आग लगने की सूचना मिलते ही गोदाम मालिक ने सीज फायर मंगाया लेकिन उससे कोई असर नहीं हुआ। जब आग फैली तो पूरा इलाका दहशत में आ गया। लगभग बीस मिनट बाद अग्निशमन विभाग व पुलिस की टीम मौके पर पहुंच गई थी। आग बुझाने की सारी कोशिश बेकार साबित हुई और आग भड़कती गई। इसका कारण सीढ़ी पर व गोदाम में प्लास्टिक के सैकड़ों पैकेट, गत्ते व बड़े पैमाने पर माचिस के पैकेट थे। पहले दो फायर टेंडर पहुंचे लेकिन आग की भयावहता देखकर गीडा व खलीलाबाद से भी फायर टेंडर मंगाना पड़ा। छह फायर टेंडर आग बुझाने में लगे रहे। इसके अलावा कांपलेक्स के पीछे स्थित एक तालाब में पोर्टेबल पंप लगाकर लगातार गोदाम में पानी फेंका जा रहा था। लोग इस दहशत में थे कि यदि आग गोदाम से आगे बढ़ी तो पूरा इलाका चपेट में आ जाएगा। फायर कर्मियों की मेहनत रंग लाई और आग पर काबू पा लिया गया।
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खाली हो गए आसपास के मकान
चौधरी कांपलेक्स के उत्तर तरफ ओमप्रकाश का मकान है तो दक्षिण तरफ पप्पू यादव का। पश्चिम तरफ एक ट्रेडिंग कंपनी व एक मूर्ति बनाने वाली दुकान है। एहतियातन लोगों ने घर खाली कर दिए।
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बच गई स्टेट बैंक की शाखा
सूचना पाकर मौके पर पहुंचे भारतीय स्टेट बैंक के सहायक महाप्रबंधक गोपाल प्रसाद, महेवा चुंगी शाखा के प्रबंधक एसएन सिंह सहित अन्य अधिकारी-कर्मचारियों ने तत्काल हिम्मत कर एटीएम व शाखा में स्थित कैश व रिकार्ड निकाल लिया। लेकिन अन्य कीमती सामान कंप्यूटर आदि उसमें पड़े रह गए। हालांकि शाखा के नीचे बेसमेंट में व प्रथम तल में आग लगी थी।
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गोदाम में जाने के सभी रास्ते बंद थे
जिस गोदाम में आग लगी थी। उसमें जाने का एक मात्र रास्ता सीढ़ी थी। सीढ़ी पर भी गत्ते व आटे के पैकेट रखे थे। रास्ता भी इतना तंग था कि आना-जाना मुश्किल था। जो सामान थे वे सभी ज्वलनशील।
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अकेले फंस गए गोल्डी
गोदाम में तो चार लोग थे। लेकिन यह संयोग ही था कि सूचना पाकर सभी लोग नीचे आ गए। अकेले गौरव उर्फ गोल्डी (35) ऊपर गोदाम में फंस गए। गोदाम का एकमात्र रास्ता सीढि़यां भी आग की चपेट में थीं। वह ऊपर से चिल्लाते रहे, भाइयों को फोन करते रहे। अग्निशमन विभाग व पुलिस के अधिकारी तथा परिवार के लोग भी उन्हें बचाने की पूरी कोशिश किए लेकिन उन्हें बचा पाने में असफल रहे।
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मां-भाई, पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल
गौरव उर्फ गोल्डी की पत्नी, मां व भाइयों सहित पूरे परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। मौके पर पत्नी व मां पछाड़ खा-खाकर गिर पड़ती थीं, बेटे उन्हें संभालते थे। इन सब बातों से बेखबर उनके दो छोटे-छोटे बच्चों को नहीं पता था कि उनके पापा अब लौटकर नहीं आएंगे। एक बेटा चार साल का व दूसरा बेटा तीन साल का है। ये दोनों पूरे परिवार को रोते-बिलखते देख हक्का-बक्का थे।
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प्रशासन की तैयारियों की खुली पोल
महेवा चुंगी स्थित गोदाम में लगी आग ने प्रशासन की तैयारियों की पोल खोलकर दी है। संकरे रास्तों पर जब आग लगती है तो प्रशासन गाड़ियां न जाने पाने का बहाना बना लेता है, लेकिन यहां चौड़े रास्ते पर आग लगी थी और अग्निशमन विभाग की गाड़ियां भी अपेक्षित समय पर पहुंच गई लेकिन व्यवस्था ऐसी थी कि शाम तक जूझते रहे। एक तो अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों के पास न तो दस्ताने थे और न ही मास्क। फायर टेंडर भी पहले दो ही पहुंचे, बाद में गीडा व खलीलाबाद से उन्हें मंगाना पड़ा। नगर निगम ने अपनी तीन पानी की टंकियां व लैडर (सीढ़ी गाड़ी) भेजी, तब जाकर घंटों मशक्कत के बाद आग बुझ पाई। हालांकि मौके पर महापौर डा. सत्या पांडेय, एडीएम सिटी बीएन सिंह, एसपी सिटी सतेंद्र कुमार सिंह आदि अधिकारी मौजूद थे।
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जाम ने भी बढ़ाई मुश्किल
आग लगने बाद जाम ने मुश्किलें और बढ़ा दी। चारो तरफ जाम लग गया। पुलिस ने हाबर्ट बांध से मुक्तेश्वरनाथ ढाला व राजघाट पुल से हाबर्ट बांध की ओर आवागमन रोक दिया। इसके अलावा एनएच 29 के छूटे हिस्से पर भयंकर जाम लग गया, जिससे फायर टेंडर व पानी ढोने वाली गाड़ियों के आवागमन में मुश्किलें पैदा हुई।