पानी में जा रहा पानी का पैसा
जागरण संवाददाता, गोरखपुर: नगर निगम के जलकल विभाग के पानी के टैंकरों का दुरुपयोग दिन-प्रतिदिन बढ़ता जा रहा है। स्थिति यह है कि रोजाना आठ से दस स्थानों पर टैंकर भेजे जा रहे हैं, लेकिन राजस्व के रूप में मात्र एक दो टैंकरों की बुकिंग का पैसा मिल रहा है। पानी का पैसा पानी में तो जा ही रहा है, टैंकर घाटे का सौदा भी साबित हो रहा है।
जलकल विभाग में वर्तमान समय में चौदह टैंकर और उन्हें खींचने के लिए दो ट्रैक्टर हैं। वैसे तो पानी के टैंकरों को आवश्यक सार्वजनिक स्थानों, मेले, परीक्षा केंद्रों आदि स्थानों पर निशुल्क लगाया जाता है, लेकिन शादी-विवाह या अन्य समारोह के लिए जरूरतमंदों को यह प्रति टैंकर सात सौ रुपये को बुकिंग कर दी जाती है। चौदह टैंकरों में दो खराब हैं और बारह चालू हालत में है।
दो टैंकरों को रिजर्व में रख दें और छह टैंकरों को संकट ग्रस्त और अन्य जरूरी कार्यो के लिए लगा दे तो भी छह टैंकरों का पैसा तो विभाग में आना ही चाहिए, लेकिन सिर्फ एक-दो टैंकर का पैसा आ रहा है। विभागीय कर्मचारी भी मानते हैं कि कम से कम चार-पांच हजार रुपये रोज तो आना ही चाहिए। अभी तो डीजल की भी लागत नहीं निकल पा रही है। माननीय से लेकर अन्य नेतागण तक निशुल्क पानी का टैंकर ले जा रहे हैं। रौब के आगे कर्मचारियों को देना पड़ रहा है। पानी के टैंकर को लेकर कार्यालय में अक्सर हंगामा होते देखा जा सकता है।
ठीक की जाएगी व्यवस्था: सहायक अभियंता
- सहायक अभियंता पीएन मिश्र ने इस संबंध में कहा कि पानी के टैंकर सार्वजनिक स्थानों के लिए होते हैं, लेकिन इसमें कहीं से कोई गड़बड़ी हो रही है तो व्यवस्था ठीक की जाएगी।
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तारीख बुकिंग प्राप्त रुपये
24 अगस्त 7 --
25 अगस्त 10 1400
26 अगस्त 10 --
27 अगस्त 5 1400
28 अगस्त 10 700
29 अगस्त 10 1400
30 अगस्त 5 --
31 अगस्त 7 --