बाढ़ का कहर जारी, 16 और गांव मैरुंड
जागरण संवाददाता, बड़हलगंज : राप्ती, घाघरा और कुआनों में उफान से बाढ़ का कहर जारी है। चौबीस घंटे में मैरुंड गांवों की संख्या छह से बढ़कर 22 हो गई है और 82 प्रभावित हैं। पटना में प्रशासन द्वारा बाढ़ राहत शिविर बनाया गया है, जहां राजस्वकर्मी कैंप किए हुए हैं। बाढ़ ग्रस्त गांवों में तहसील प्रशासन ने कुल 61 नावें लगवाई हैं।
शुक्रवार को प्रशासन ने 22 गांवों को मैरुंड घोषित कर दिया है। राप्ती की बाढ़ से डिहुआ उर्फ अगलगौवा, लखनौरा, लखनौरी, मछरगांवा, हिंगुहार, घाघरा से जैतपुर, ज्ञानकोल, गोनहा, बल्थर, डेरवा, तिवारीपुर, गोनघट, कोटियादीपशाह, बगहा तथा उरुवा ब्लाक में घाघरा और कुआनों से दिलावर चक, कुरावल बुजुर्ग, रतनपुरा, मलौली, हरिहरपुर, बनकटी, सैदाबाद गांव को मैरुंड घोषित कर दिया गया है। वहीं माझा सूबेदारनगर, ताल भगना, जगदीशपुर, मोहन पौहरिया, तुर्कवलिया, दिस्तौलिया, बैरियाखास, खोहिया पट्टी, मुंडेरा बाबू, कवितापुर, मुजौना, मैभरा, गायघाट, नेतवार पट्टी व सरयाखास, घाघरा नदी से ज्ञानकोल, जयरामकोल, कोलखास, ताल सोनबह, परसिया, सियरहा, पटना, सीधेगौर, गोनघट, सरयाचक, डुमरी, बेलवा गुलाब सिंह, बेलवा तुरंत सिंह, कृपालपुर, तिवारीपुर, बरडीहा, कोटिया निरंजन, परसिया भदवार, अजयपुरा, खैराटी, गोरखपुरा, कोहड़ाभावर, गोनघट, खड़ेसरी देवरहवा टोला, दलित बस्ती सहित 82 गांव पानी से घिरे हुए हैं। हालांकि शुक्रवार को घाघरा के जलस्तर में कमी आई जिससे बाढ़ पीड़ित तथा प्रशासन ने राहत की सांस ली है। तहसील प्रशासन ने मैरुंड गांवों में मिट्टी तेल का वितरण कराने का आदेश दिया है। बरडीहा तथा पटना में घाघरा नदी का पानी चढ़ना थम गया है। फिर भी नदी का दबाव सड़क पर है। पटना में प्रशासन ने बाढ़ राहत शिविर बनाया है। उपजिलाधिकारी गोला मोतीलाल सिंह ने बताया कि शिविर में स्वास्थ्य विभाग को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है। प्रभावित गांवों में छिड़काव का आदेश दिया गया है।
इंसर्ट
गृह मंत्री के सर्वेक्षण की सूचना से बेचैन रहे अधिकारी
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा बाढ़ ग्रस्त इलाकों के हवाई सर्वेक्षण की सूचना पर शुक्रवार को प्रशासनिक अधिकारी बेचैन रहे। एडीएम भू-राजस्व सुरेद्र राम, गोला तहसील के अधिकारी पटना में बने बाढ़ राहत शिविर में पहुंचे और राहत तथा बचाव कार्य का जायजा लिया। दोपहर दो बजे के बाद जब यह स्पष्ट हो गया कि अब केंद्रीय गृह मंत्री हवाई सर्वेक्षण नहीं करेंगे तब जाकर अधिकारियों ने राहत की सांस ली।
शाहपुर तटबंध पर कटान, मिट्टी डाल बचाने का प्रयास
जागरण संवाददाता, बेलघाट, गोरखपुर : विकास खंड बेलघाट के शाहपुर-खड़गपुर तटबंध के शाहपुर बंधे पर शुक्रवार को भी कटान जारी रही। प्रशासन द्वारा कटाव रोकने के लिए मिट्टी भरी बोरिया डलवाया जा रहा था।
बेलघाट क्षेत्र के घाघरा नदी पर बने शाहपुर-खड़गपुर तटबंध की ऊंचाई काफी कम होने से इस पर काफी दबाव है। शाहपुर कस्बे से बाहर तक ही घाघरा नदी पर तटबंध होने के कारण शाहपुर बेलाव व शाहपुर जिगिनिया दोनों बड़ी ग्राम पंचायतों के लोग दहशतजदा हैं। तमाम बोरिया डालने के बाद भी शाहपुर कस्बे की सड़क पर पानी भरा हुआ है। सिंचाई विभाग के जेई बृजेश कुमार ने बताया कि शाहपुर बेलाव व जिगिनिया को बाढ़ से बचाने के लिए तटबंध बनाने की योजना का प्रस्ताव दो-तीन बार भेजा गया लेकिन स्वीकृत नहीं हो पा रहा है।