घर की टोटियों में नाली का पानी
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : संक्रामक बीमारी उल्टी-दस्त खाने और पानी में गड़बड़ी से होती है। इंसेफेलाइटिस व संक्रामक बीमारी से हाल के वर्षो में कई मौतें हो चुकी हैं। इसके बावजूद शुद्ध पेयजल का इंतजाम नहीं हो रहा है। लोग दूषित पानी पी रहे हैं। जलकल जल के नाम पर जहर आपूर्ति कर रहा है।
इंसेफेलाइटिस व संक्रामक बीमारियों को लेकर हो-हल्ला हो रहा है, लेकिन जिम्मेदार बिल्कुल गंभीर नहीं दिख रहे हैं। प्रतिबंधित हैंडपंप नगरीय क्षेत्र में सड़कों के किनारे, होटलों, चाय दुकानों के सामने अब भी लगे हैं।
यही नहीं बरसात के दिनों में इंडिया मार्क हैंडपंपों के पानी को विसंक्रमित करने के लिए उसमें ब्लीचिंग पाउडर से लेकर क्लोरीन टेबलेट डालने का प्रावधान है, लेकिन यह भी नहीं किया जा रहा है। जलकल की जलापूर्ति भी शुद्ध नहीं है। नालियों में गुजरी पाइप लाइनों से रिसकर गंदा पानी जलापूर्ति लाइनों से होकर घरों, दुकानों और होटलों की टोटियों में जा रहा है।
नगर के पुराना गोरखनाथ, हुमायूंपुर, बक्शीपुर, मुफ्तीपुर, छोटेकाजीपुर, शेषपुर, तुर्कमानपुर, घोष कंपनी, मियाबाजार, नरकटिया, बसंतपुर, हांसूपुर, लालडिग्गी, मिर्जापुर, तिवारीपुर, इलाहीबाग, नखास, शाहमारूफ, नरकटिया, बस स्टेशन, रेलवे स्टेशन रोड, धर्मशाला आदि मोहल्लों में अधिकतर स्थानों पर लोगों के घरों के कनेक्शन की पाइप, नाली या उससे ठीक सटे हैं। लगातार पानी व कीचड़ में रहने से कई स्थानों पर पाइप लाइनें जर्जर और क्षतिग्रस्त हो गई हैं। जलापूर्ति बंद होने पर लोगों के घरों में लगाए गए मोटर जब चलते हैं तो नालियों का पानी क्षतिग्रस्त पाइपलाइन से होकर घरों की टोटियों में पहुंच रहा है।
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यासिर कहते हैं कि यहां दूषित जलापूर्ति की समस्या अधिक है। पेयजल आपूर्ति की भी समुचित व्यवस्था नहीं है। नालियों में गुजरी पाइप लाइनें हटनी चाहिए।
एडवोकेट जितेंद्र यादव कहते हैं कि महानगर में यह गंभीर समस्या है। बढ़ी बीमारियों के मद्देनजर नगर निगम को ठोस कदम उठाना पड़ेगा।
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अहमद फराज कहते हैं कि जल ही जीवन का नारा यहां फेल हो चुका है। नगर निगम की जलापूर्ति से सभी का विश्वास उठ चुका है।
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रंगेश भारद्वाज ने बताया कि जल की शुद्धता की ओर अधिकारियों का कोई ध्यान नहीं है। इंसेफेलाइटिस और संक्रामक रोग बढ़ रहे हैं।
मुद्दसिर कहते हैं कि नगर निगम अधिकारियों को अभियान चलाकर नालियों से होकर गुजरी पाइप लाइनों को कटवाने के साथ जुर्माना लगाना चाहिए।
अवर अभियंताओं को दिया जाएगा निर्देश
गोरखपुर : सहायक अभियंता जलकल पीएन मिश्र ने कहा कि कई बार इसके लिए अभियान चले हैं और नालियों से पाइपलाइन ऊपर कराए गए हैं। कहीं भी सरकारी पाइपलाइन नाली में नहीं है, जो भी है लोगों की व्यक्तिगत है। शुद्ध जल के लिए उन्हें स्वत: ठीक करा लेना चाहिए, फिर भी अवर अभियंताओं को निर्देश दिया जाएगा कि नालियों से गुजरी पाइप लाइनों को ऊपर कराएं।