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यात्रा करनी है तो दवा साथ लेकर चलिए

By Edited By: Published: Wed, 30 Jul 2014 01:42 AM (IST)Updated: Wed, 30 Jul 2014 01:42 AM (IST)
यात्रा करनी है तो दवा साथ लेकर चलिए

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : अगर आपको रेल यात्रा करनी है तो प्राथमिक दवाइयां साथ लेकर चलिए। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्यालय और विश्वस्तरीय रेलवे स्टेशन पर कोई दवा नहीं मिलने वाली है। प्लेटफार्म नंबर एक पर एक केमिस्ट की दुकान थी। अब वह भी बंद है। चाय और पानी तो मिल जाता है, लेकिन बुखार और दर्द की गोली नहीं मिल पाती।

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गर्मी के दिनों में यात्रा के दौरान अक्सर यात्रियों की तबीयत खराब हो जाती है। गलत खानपान और दूषित पानी की वजह से उल्टी और दस्त तो आम बात है। जनवरी 14 के पहले सप्ताह में बरेली में किसान एक्सप्रेस से उतरे कुशीनगर के एक यात्री की मौत हो गई। इसी सप्ताह गरीब रथ में एक बच्चे की मौत हो गई। पिछले साल ही बिहार का एक यात्री गोरखपुर पहुंचकर इलाज के दौरान दम तोड़ दिया था। यह तो ट्रेनों की बात हुई। दूसरी तरफ रेलवे स्टेशनों की स्थिति भी बेहतर नहीं है। गोरखपुर रेलवे स्टेशन को ही ले लीजिए। यात्रियों को परेशानी के अलावा कुछ भी नहीं मिलने वाला है। मंगलवार को गोरखधाम एक्सप्रेस से दिल्ली तक की यात्रा करने वाले मोहित अग्रवाल परिवार के साथ परेशान थे। उन्हें रास्ते के लिए बुखार और गैस की दवा चाहिए थी। लेकिन, स्टेशन पर कोई व्यवस्था नहीं होने के चलते उन्हें दवा नहीं मिली। भटनी तक की यात्रा करने वाले भोलेनाथ को ओआरएस की जरूरत थी। वह प्लेटफार्म नंबर 1 पर स्थित केमिस्ट की दुकान पर पहुंचे। लेकिन, उसे बंद देख मायूस होकर वापस चले गए। यह परेशानी सिर्फ मोहित और भोलेनाथ की नहीं है, बल्कि हजारों यात्रियों की है जो रोजाना रेलवे की यात्रा करते हैं। रेलवे स्टेशन पर स्थित केमिस्ट की दुकान बंद हो जाने से यात्रियों की परेशानी और बढ़ गई है। जबकि, सिर्फ गोरखपुर स्टेशन से ही रोजाना औसत 60 हजार यात्री आवागमन करते हैं। यह तब है जब सभी स्टेशनों पर अस्पताल खोले जाने की योजना है। लेकिन, यहां तो नियमित रूप से एक केमिस्ट की दुकान तक नहीं चल पा रही है।

गरीब रथ के यात्री

की तबीयत खराब

12203 गरीब रथ की एक महिला यात्री की तबीयत रास्ते में अचानक खराब हो गई। वह गोरखपुर में ही उतर गई। लेकिन, स्टेशन पर उन्हें कोई प्राथमिक दवा नहीं मिली। उन्होंने इसकी जानकारी यात्री मित्र कार्यालय को दी। यात्री मित्रों ने सतर्कता दिखाई और यात्री का प्राथमिक इलाज कराया। खैर, संयोग अच्छा रहा और यात्री की तबीयत दुरुस्त हो गई।

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यात्रियों की दुश्वारियां

- रेलवे स्टेशनों पर भी नहीं मिल पाती हैं प्राथमिक दवाइयां।

- रास्ते में कोच कंडक्टर और गार्ड नहीं लेते यात्री की नोटिस।

- संबंधित रेलकर्मियों को नहीं होती प्राथमिक इलाज की जानकारी

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तबीयत खराब होने पर,

- यात्रा के दौरान कोच कंडक्टर और गार्ड को अवश्य बताएं।

- हेल्पलाइन 9794845955 और 0551- 155210 पर सूचना दें।

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मिलने वाली सुविधाएं

- गार्ड, स्टेशन मास्टर और यात्री मित्र कार्यालय पर फ‌र्स्ट एड बाक्स।

- रेलवे यात्रा के दौरान ही यात्री का कराती है समुचित उपचार।

- स्थिति बिगड़ने पर पास वाले स्टेशन पर होता है यात्री का इलाज।

- सभी प्रमुख मुख्य स्टेशनों पर उपलब्ध है चिकित्सक की सुविधा।

- इलाज के लिए यात्री को देने पड़ते हैं सिर्फ न्यूनतम 20 रुपये चार्ज।


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