पत्नी की हत्या के बाद युवक ने ट्रेन के आगे कूदकर जान दी
जागरण संवाददाता, गोरखपुर :
पिपराइच थाना क्षेत्र के जंगल धूसड़ निवासी दिलीप (35) ने पत्नी सुनीता (32) की शनिवार की रात गला घोंटकर हत्या करने के बाद ट्रेन के आगे कूदकर खुदकुशी कर ली। उसकी लाश घर से करीब आठ किलोमीटर दूर कैथवलिया गांव और उनवला रेलवे स्टेशन के बीच रेलवे ट्रैक पर पाई गई। पत्नी की लाश उसके कमरे में बिस्तर पर पड़ी थी। दिलीप के भाई ने पुलिस को दी गई तहरीर में घटना की वजह पति-पत्नी के बीच विवाद बताया है।
दिलीप और उसकी पत्नी सुनीता रात में ग्यारह बजे के आसपास खाना खाने के बाद अर्धनिर्मित मकान के अपने कमरे में सोने चले गए थे। उनकी बेटी अंजनी (10) और बेटा राजू (8) दूसरे कमरे में थे। दिलीप का छोटा भाई अनिल चौहान पत्नी व बच्चों के साथ दूसरे कमरे में सो रहा था। अनिल की पत्नी सुशीला की नींद रविवार को तड़के खुल गई। बाहर जाने के लिए वह चैनल गेट की चाबी खोजने लगी लेकिन मिली नहीं। चाबी के बारे में पूछने के लिए उसने सुनीता के कमरे में झांका तो वह बिस्तर पर मृत पड़ी मिली। जो साड़ी उसने पहनी थी, उसी के एक हिस्से से गला घोंटकर उसकी हत्या की गई थी। दिलीप कमरे में मौजूद नहीं था।
सुशीला की चीख सुनकर परिवार और पड़ोस के लोग एकत्र हो गए। बाद में पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। इस बीच उनौला और कैथवलिया गांव के बीच रेलवे ट्रैक पर युवक का शव मिलने का पता चला। शव शिनाख्त नहीं हो पाई। पुलिस वाले शव टैंपो में लाद कर पोस्टमार्टम के लिए ले जा रहे थे। जंगल धूसड़ चौराहे पर किसी की नजर उस पर पड़ी तो उसने शव की शिनाख्त दिलीप के रूप में की। उसके परिजनों और गांव के लोगों ने भी शव शिनाख्त की है।
पिपराइच, जंगल धूसड़ और पादरी बाजार संवाददाता के अनुसार रेलवे ट्रैक पर मिली लाश की शिनाख्त होने के बाद माना जा रहा है कि पत्नी की हत्या करने के बाद दिलीप ने ट्रेन के आगे कूद कर जान दी है। उसके भाई अनिल के अनुसार दिलीप और उसकी पत्नी के बीच शनिवार की रात एक बजे तक झगड़ने की आवाज आ रही थी।
यहां बता दें कि मूल रुप से अहिरौली, कुशीनगर के मिश्रौली गांव निवासी दिलीप के पिता पिपराइच विकास खंड में प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक हैं। यहां जंगल धूसड़ में उन्होंने घर बनवा रखा है। रामसनेही और उनकी पत्नी दुलारी देवी दो दिन पहले बाबा धाम की यात्रा पर गए हुए हैं। घटना की सूचना मिलने वह लोग वापस आ रहे हैं।
संदेह ने हिला दी दांपत्य की बुनियाद
गोरखपुर : अग्नि को साक्षी मानकर सात जन्मों तक साथ रहने की कसम खाने वाले दिलीप और सुनीता के दांपत्य की बुनियाद को संदेह के दीमक ने हिला कर रख दिया था। साथ जीने की कसम खाने वाले पति ने ही पत्नी जान ले ली। हालांकि उसने खुद भी मौत को गले लगा लिया।
परिवार चलाने के लिए दिलीप जहां छोटे-मोटे काम करता था वहीं उसकी पत्नी सुनीता गांव में महिलाओं के कपड़े सिलकर अर्थोपार्जन करती थी। दिलीप को शराब पीने की लत लग गई। इसको लेकर उनके बीच झगड़े होने लगे। उधर काम के सिलसिले में सुनीता का गांव में लोगों के घर आना जाना दिलीप को पसंद नहीं था। बाद में वह पत्नी के चरित्र पर ही संदेह करने लगा। इस वजह से उनके बीच विवाद बढ़ गया। ग्रामीणों और परिजनों के मुताबिक इसी संदेह में उसने पत्नी की हत्या कर दी और खुद भी जान दे दिया।