मंडलायुक्त के फर्जी आदेश से विवादित भूमि पर कराया निर्माण
जागरण संवाददाता, गोरखपुर
मंडलायुक्त के फर्जी हस्ताक्षर से खोराबार के पगरा गांव में विवादित भूमि पर निर्माण कार्य करा लेने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। दूसरे पक्ष की शिकायत पर हुई जांच में इसकी पुष्टि हुई है। इस आधार पर फर्जीवाड़ा में शामिल तीन लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को हिरासत में ले लिया गया है।
पथरा, खोराबार के रामकृष्ण त्रिपाठी के परिवार की नीलम तिवारी ने पगरा गांव में जमीन खरीदा था। बाद में उसी नंबर की जमीन का एक हिस्सा कृष्णचंद, लालचंद और उर्मिला देवी तथा ऊषा गौड़ ने अपने नाम से रजिस्ट्री कराया। दूसरी रजिस्ट्री कराने के बाद जमीन पर कब्जा करने को लेकर उनके नीलम तिवारी विवाद शुरू हो गया। उप जिलाधिकारी सदर ने विवादित भूमि पर किसी भी तरह के निर्माण कार्य से रोक लगा रखी थी।
आरोप है कि इस बीच कुछ दिन पहले अवकाश ग्रहण करने वाले मंडलायुक्त जेपी गुप्त के फर्जी हस्ताक्षर से जारी आदेश लेकर लालचंद रामगढ़ ताल पुलिस चौकी पर पहुंचा। आदेश के अनुसार पुलिस ने विवादित भूमि पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया। इस पर नीलम तिवारी के पक्ष से रामकृष्ण त्रिपाठी ने भागदौड़ शुरू की तो पता चला कि जिस आदेश के आधार पर पुलिस निर्माण कार्य करा रही है उस पर मंडलायुक्त का फर्जी हस्ताक्षर है। उन्होंने वर्तमान मंडलायुक्त से इसकी शिकायत की। उन्होंने उप जिलाधिकारी को मामले की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया। जांच में शिकायत सही पाए जाने पर उप जिलाधिकारी ने लालचंद और उनके साथ इस फर्जीवाड़े में शामिल रामसेवक तथा प्रयागनाथ के खिलाफ धोखाधड़ी व जालसाजी का मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को हिरासत में ले लिया है।