बालू छीन लेगा पानी
जागरण संवाददता, गोरखपुर : बालू आपसे पानी छीनने जा रहा है। यह सुनकर ताज्जुब होगा, लेकिन यह सौ फीसद सच है। जिस हिसाब से जगह-जगह मिनी नलकूप लग रहे हैं उससे यह होना ही होना है। मिनी नलकूप से निकलने वाले बालू से पेयजल पाइप लाइनें दो से तीन वर्षो में पूरी तरह जाम हो जाएंगी और फिर लोगों को बूंद-बूंद पानी के लिए जूझना पड़ेगा।
पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मिनी नलकूपों की स्थापना पर जोर दिया जा रहा है, लेकिन इसके दुष्परिणाम काफी गंभीर होने वाले हैं। तकनीकी विशेषज्ञों की मानें तो मिनी नलकूपों से बालू निकलने के कारण संबंधित क्षेत्रों में लाइनें बालू से जाम हो जाएंगी और फिर इससे निजात पाना मुश्किल होगा।
मिनी नलकूपों की स्थापना के पीछे सरकार का उद्देश्य कम खर्च और कम स्थान में नलकूप लगाकर पेयजल आपूर्ति सुनिश्चत करना है। इधर कुछ वर्षो में मिनी नलकूपों को लगाने में तेजी भी आयी है। जो भी पार्षद मिनी नलकूप का प्रस्ताव दे रहा है उसके क्षेत्र में उसकी स्थापना कर दी जा रही है। तत्काल तो लोगों को पानी मिल जा रहा है, लेकिन नलकूप से आने वाले बालू की समस्या से लोगों को निजात नहीं मिल रही है।
महानगर में अब तक विभिन्न क्षेत्रों में 26 मिनी नलकूप लगाए जा चुके हैं, जहां भी यह नलकूप लगे हैं वहां पानी के साथ बालू आने की शिकायत मिल रही है। मिनी नलकूपों से आने वाले बालू के कारण ही लोगों के घरों में लगे पानी के मोटरों के जलने की समस्या भी बढ़ गई है, नलकूप भी इसीलिए खराब हो रहे हैं। हाल के महीनों में लगे आधा दर्जन मिनी नलकूपों की मरम्मत विभाग को करानी पड़ी है।
सहायक अभियंता जलकल पीएन मिश्र ने कहा कि शासन का निर्देश है, इसलिए पार्षद प्रस्ताव देंगे तो लगाना ही पड़ेगा। जहां तक दूरगामी परिणाम की बात है तो यह घातक है, इस पर अभी से सोचना होगा।