उ.प्र. का व्यवस्थित बंटवारा कराएं मोदी: नारायण दत्त तिवारी
-जागरण संवाददाता गोरखपुर : उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री पं. नारायण दत्त तिवारी का कहना है कि उत्तर प्रदेश के समग्र विकास के लिए जरूरी है कि इसका छोटे छोटे भागों में विभाजन किया जाए। ऐसा होने पर ही स्थानीय स्तर पर सरकारें गरीबी व जनसंख्या पर ध्यान दे सकेंगी। उन्होंने कहा कि मैं पूर्वाचल राज्य की मांग का पुरजोर समर्थन करता हूं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह करूंगा कि वह प्रदेश का व्यवस्थित बंटवारा कराएं।
यहां अपनी पत्नी उज्जवला के साथ एक कार्यक्रम में भाग लेने आए तिवारी गोरखपुर जर्नलिस्ट प्रेसक्लब में पत्रकारों से रूबरू थे। उत्तर प्रदेश में दुष्कर्म की घटनाएं बढ़ने के सवाल पर भी उन्होंने कुछ कहने से यह कहकर परहेज किया कि दुष्कर्म का नाम लेना भी पाप है। कहा कि महिलाओं का सम्मान होना चाहिए। आज दुष्कर्म रोकने के लिए कठोर कानून बनाए जाने की जरूरत है। उन्होंने अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि मुलायम सिंह यादव मेरे मुख्यमंत्री रहने के समय नेता विपक्ष रहे हैं। मैं उनसे अपील करूंगा कि वह प्रदेश का दौरा शुरू कर दें। कानून व्यवस्था पर ध्यान दिए जाने व जनता को विश्वास में लेने की जरूरत है।
एक सवाल के उत्तर में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गंगा के सफाई अभियान के संकल्प की सराहना की और कहा कि उनकी पूर्व की सफलता से उम्मीद की जानी चाहिए कि वह विकास के लिए जरूर प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि देश व उत्तर प्रदेश के विकास के लिए जरूरी है कि बढ़ती जनसंख्या को नियंत्रित करने का उपाय किया जाए। योजना आयोग का उपाध्यक्ष रहते उन्होंने महसूस किया कि विकास की जो योजनाएं बनती हैं वे जमीन पर आते आते जनसंख्या वृद्धि की तेज रफ्तार के कारण अपने लक्ष्य से भटक जाती हैं। उन्होंने नरेंद्र मोदी सरकार के गंगा सफाई अभियान को अच्छा प्रयास बताया और कहा कि वह गुजरात के सफल मुख्यमंत्री रहे हैं, इसलिए अब प्रधानमंत्री के रूप में उनके सुशासन को भी देखना चाहते हैं।
------
चार बार लिया पत्नी उज्जवला का नाम:
पूर्व मुख्यमंत्री ने यहां लगभग एक घंटे के कार्यक्रम में चार बार अपनी नवब्याहता पत्नी उज्जवला का नाम लिया। शाम 7.20 बजे पहुंचे तिवारी ने कहा कि वर्षो बाद गोरखपुर आकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी डा.उज्ज्वला तिवारी की रुचि पत्रकारिता व संस्कृति में है। वह जागरूक महिला हैं। कान से कम सुनाई देने पर महापौर डा. सत्या पांडेय ने उन्हें पत्रकारों के प्रश्नों को बताने में सहायता की।