छह माह में भी नहीं बना हीमेटोलॉजी एनालाइजर
जागरण संवाददाता, गोरखपुर :
जिला अस्पताल के रीजनल डाइग्नोस्टिक सेंटर में प्लेटलेट्स, हीमोग्लोबिन सहित बाइस तरह की महत्वपूर्ण जांच करने वाला उपकरण हीमेटोलॉजी एनलाइजर पांच महीने बाद भी नहीं बन पाया है। वैसे तो अस्पताल प्रशासन इसको ठीक करवाने के लिए हर संभव कोशिश करने की बात कहता है पर छह महीने बाद भी उपकरण ठीक नहीं होने से यह कोशिश सवालों के घेरे में है।
उपकरण पिछले साल नवंबर में खराब हुआ था। इसी के आसपास बायोकेमेस्ट्री एनलाइजर, हारमोन एनलाइजर आदि उपकरण भी खराब हो गए थे। इसी दौरान अस्पताल के निरीक्षण के लिए पहुंचे प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव बीएम मीना ने खराब पड़े उपकरणों के लिए अस्पताल के तत्कालीन एसआइसी आदि पर कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद बायोकेमेस्ट्री एनलाइजर व हारमोन एनलाइजर तो ठीक करा दिए गए पर हीमेटोलॉजी एनलाइजर अब भी खराब है।
बताया जाता है कि इस उपकरण को ठीक कराने की कोशिश की गई। संबंधित कंपनी के इंजीनियर ने कुछ पार्ट बदले भी। इस दौरान कुछ दिनों तक उपकरण ने काम किया, पर सभी जांच नहीं हो पा रही थी। बाद में उपकरण फिर जवाब दे गया। कंपनी से दोबारा संपर्क करने के बाद इंजीनियर ने फिर उपकरण की जांच की लेकिन इसे बनाने के लिए दो से ढाई लाख का खर्च बताया। इसके बाद से अब तक इस उपकरण खराब ही है।
इस बारे में जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डा. सुधाकर मिश्रा का कहना है उपकरण को ठीक कराने के लिए कंपनी से इंजीनियर आए थे। इसके लिए दो से ढाई लाख का खर्च बताया। इस संबंध में शासन को पत्र लिखा गया है।