अस्पताल में रखीं मशीनें, बाहर से करा रहे जांच
गोंडा: आइए आपको जिला अस्पताल ले चलते हैं। यहां क्षेत्रीय निदान केंद्र में पिछले डेढ़ माह से स
गोंडा: आइए आपको जिला अस्पताल ले चलते हैं। यहां क्षेत्रीय निदान केंद्र में पिछले डेढ़ माह से सीबीसी, हार्मोन व अन्य जांचों के लिए मशीनें स्थापित हो चुकी हैं। यहां पर कर्मियों की तैनाती भी हो चुकी है। कर्मी ड्यूटी बजाकर वापस हो जा रहे हैं लेकिन अभी तक मशीनें शुरू नहीं हो सकी हैं। इसके कारण जिला अस्पताल में सीबीसी कंपलीट ब्लड काउंट जांच के लिए आने वाले मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसकी वजह से मरीजों को निजी पैथालॉजी में जाकर जांच कराना पड़ रहा है।
जिला अस्पताल में पहले पैथालॉजी में आने वाले मरीजों की सीबीसी जांच ब्लड बैंक में स्थापित सीबीसी मशीन से किया जाता था। यह मशीन खराब होने के बाद से यहां पर जांच ठप हो गयी। ऐसे में मरीजों को बाहर निजी पैथालॉजी पर जांच कराना पड़ रहा है। यही नहीं, मरीजों की बायोकेमिस्ट्री जांच भी नहीं हो पा रही है। साथ ही एलाइजा रीडर खराब होने से डेंगू की जांच नहीं हो पा रही है। ऐसे में मरीजों को परेशानी हो रही है। अस्पताल में फ्री में होने वाली जांचें मरीजों को बाहर मंहगे दामों पर कराने के लिए विवश होना पड़ रहा है। हालांकि पैथालोजिस्ट डॉ. विशाल का कहना है कि एलाइजा रीडर को ठीक कराने का प्रयास किया जा रहा है। जो मशीनें स्थापित की गई हैं, उन्हें संचालित करने का प्रयास किया जा रहा है।
आंकड़े खोल रहे पोल
- डेढ़ माह पहले सीबीसी, बायो केमिस्ट्री व हार्मोन जांच के लिए मशीनें तो स्थापित कर दी गईं लेकिन अभी तक उसका संचालन शुरू नहीं हो पाया। एलाइजा रीडर पिछले छह माह से खराब है, जिसे ठीक कराने के लिए बस सिर्फ कागजी कवायद की जा रही है। सीटी स्कैन मशीन वर्ष 2016 में 19 नवंबर, 13 दिसंबर व वर्ष 2017 में 13 जून को खराब हुई। साथ ही एक्सरे प्लेट की समस्या आए दिन रह रही है, जिसके कारण मरीज परेशान हो रहे हैं। यह तस्वीरें सेहत महकमे की कारगुजारी खुद ही उजागर कर रही है। अस्पतालों में जो मशीनें खराब हो जा रही हैं, उन्हें ठीक नहीं कराया जा रहा है, जिससे निजी पैथालोजी को इसका लाभ मिल पा रहा है।
इनकी सुनिए
-शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अब्दुल रहमान का कहना है कि मशीनों के खराब होने के कारण मरीजों को सेहत संबंधी सुविधाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। इसको लेकर अधिकारियों से मिला जाएगा।
-जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एसके श्रीवास्तव का कहना है कि इस बारे में पैथालॉजिस्ट से बात करके ही स्थिति बता पाऊंगा। मरीजों को कोई दिक्कत न हो, इसके लिए प्रयास किया जा रहा है।