चारपाई पर बैठ भूख मिटाने की ¨चता
गोंडा: बाढ़ के पानी ने सब कुछ छीन लिया साहब। अब तो चारों तरफ पानिन-पानी देखात है। यह दर्द
गोंडा: बाढ़ के पानी ने सब कुछ छीन लिया साहब। अब तो चारों तरफ पानिन-पानी देखात है। यह दर्द ग्राम बसेरिया के सभी मजरों के लोगों का है। घर के अंदर पानी भरा है। कहीं खड़े होने की जगह नहीं है। पूरा परिवार या तो चारपाई पर बैठा भगवान को याद कर रहा है या फिर भूख मिटाने के लिए कुछ व्यवस्था की ¨चता सता रही है। कारण अब तक यहां प्रशासन की नजरें इनायत नहीं हुई हैं। यहां अभी तक कोई राहत सामग्री नहीं पहुंची है। यहां तक कि किसी को अभी तक लंच पैकेट भी नसीब नहीं हुआ है। लोगों के घर झमाझम पानी में गिर रहे हैं, जिससे अब उनके पास सर छुपाने का कोई जगह नहीं बचा है। छप्पर आदि में रखा भूसा पानी की भेंट चढ़ गया। खेत में लगी फसलें पानी में डूबकर सड़ने लगी हैं। छह माह भोजन की व्यवस्था करने वाली फसल पानी में डूब चुकी है, जिसे लोग काटकर सड़क पर लाते हैं फिर उसकी छंटाई करके पशुओं को खिलाने योग्य बनाते हैं। तिवारी पुरवा निवासी रामकैलाश ने सड़क के किनारे पक्के मकान की पूरी दीवर खड़ी कर ली थी। केवल छत डालना बाकी था। पानी के बहाव से उनकी तीन तरफ की दीवार गिरकर ध्वस्त हो चुकी है। संगम पुरवा, टेपरा, कलहंसन पुरवा, नेउती पुरवा, टेपरहन पुरवा, बल्देव पुरवा, दूबेपुरवा, दर्जिन पुरवा एवं मुजही सहित एक दर्जन मजरों के लोगों के लिए केवल तीन नावें लगाई गई हैं, जिससे लोगों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं।
-गोंडा-लखनऊ मार्ग से शाहपुर जाने वाले मार्ग पर कई जगह पानी धारा बह रही है। पूरे क्षेत्र से गुजरता हुआ बाढ़ का पानी सरयू नदी में गिर रहा है, जिससे सरयू के इस पार की भी ग्राम पंचायतें प्रभावित होने लगी हैं।
पानी के बीच सुना रहे कथा
कर्नलगंज: बाढ़ के पानी पर भी आस्था भारी पड़ती दिखाई दी। ग्राम बसेरिया के सभी मजरों में पानी है। यहां भजनी बाबा का एक सिद्ध स्थान है। चारों तरफ पानी ही पानी है फिर भी यहां पंडित उपेंद्र उर्फ छोटकऊ लोगों को राम कथा का श्रवण करवा रहे हैं। स्थान के पुजारी विनोद तिवारी सहित आधा दर्जन लोग वहां मौजूद रहकर कथा का आनंद ले रहे थे। वहीं ध्वनि विस्तारक यंत्र के माध्यम से आसपास के लोग भी कथा सुन रहे थे।
मदद के लिए बना राहत केंद्र
कर्नलगंज: ग्राम पंचायत मुंडेरवा के 30 से अधिक मजरों की 6000 की आबादी प्रभावित हो चुकी है। यहां करीब आधा दर्जन ग्रामीणों के कच्चे मकान गिर गए हैं। कई बार ग्रामीणों ने अपनी परेशानी से प्रशासन को अवगत कराया लेकिन न तो उन्हें नाव मिली न ही कोई सुविधा। इस पर ग्राम प्रधान प्रतिनिधि विशाल ¨सह के नेतृत्व में लोगों ने बाढ़ पीड़ितों को सुरक्षित निकालने के साथ ही व्यक्तिगत राहत केंद्र बनाया है, जिसमें बिस्तर, दवाएं, टार्च, एवं खाने की सामग्री के साथ ही नाव की भी व्यवस्था है।