आठ करोड़ का उपभोग बताया नहीं, तीन करोड़ और रिलीज
संसू, गोंडा: बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ा खेल चल रहा है। छात्रों को दिए जाने वाले यूनिफार्म के
संसू, गोंडा: बेसिक शिक्षा विभाग में बड़ा खेल चल रहा है। छात्रों को दिए जाने वाले यूनिफार्म के लिए आठ करोड़ रुपये स्कूलों को भेजे गए थे। अभी उसके उपभोग का मामला फंसा हुआ है। अधिकांश स्कूलों ने इस धनराशि के खर्च का हिसाब देने में कन्नी काट रहे हैं। बावजूद इसके तीन करोड़ रुपये और जारी कर दिए गए। अब इसको लेकर विभागीय कार्यशैली पर सवाल उठाए जा रहे हैं।जिले में 3.29 लाख छात्रों को ड्रेस बांटने में मनमानी की जा रही है। 12 करोड़ खर्च का विभाग के पास ब्योरा नहीं है। सर्व शिक्षा अभियान के जिम्मेदार धन को पानी की तरह बहा रहे हैं। आलम यह कि पूर्व में जारी की गयी धनराशि का हिसाब गुम है। प्रधनाध्यापक खर्च का ब्योरा देने में कन्नी काट रहे है। ड्रेस वितरण का हिसाब जाने बगैर अधिकारियों ने दूसरी किश्त जारी कर दी है। जिससे मनमानी खर्च की संभावना बढ़ गयी है। बेसिक शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार देव पांडेय ने बताया कि सभी छात्रों को ड्रेस पहुंचे, इसके लिए दूसरी किश्त जारी की गयी है। पूर्व में आवंटित धनराशि का उपभोग दिलाने के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गयी है, जहां गड़बड़ी होगी, वहां प्रधानाध्यापक पर कार्रवाई की जाएगी।
निरीक्षण नहीं कर रहे बीईओ- परिषदीय स्कूलों के निरीक्षण में खंड शिक्षा अधिकारी दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं, जिससे अध्यापक मनमानी का खेल कर रहे हैं। बैग व ड्रेस लेकर किताब वितरण तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। इन सबके बीच बीएसए भी आराम फरमा रहे हैं। जिससे कई बीआरसी पर गोदामों में किताबें डंप हैं। प्रशासनिक अधिकारी समीक्षा करना मुनासिब नहीं समझते हैं। जिससे उपभोग देने से लेकर शैक्षिक उन्नयन की गतिविधियों को उड़ान नहीं मिल पा रही है।