पात्रों को ढूंढ़ नहीं पाए अफसर, 820 आवास सरेंडर
गोंडा : प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत अफसर पात्रों को ढूंढ़ नहीं पाए। नौ ब्लॉकों से 820 आवा
गोंडा : प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत अफसर पात्रों को ढूंढ़ नहीं पाए। नौ ब्लॉकों से 820 आवास डीआरडीए को सरेंडर कर दिए गए हैं। सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना की सूची से गरीबों को आवास दिया जाना था। फिलहाल, सरेंडर हुए आवासों का लक्ष्य अन्य गांवों में आवंटित कराने की बात कह रहे हैं। केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2016-17 में प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना का संचालन शुरू किया था। योजना के तहत फूस, झुग्गी-झोपड़ी व बेघर लोगों का चयन करके आवास निर्माण के लिए 1.20 लाख रुपए आवंटित किए जाने थे। लाभार्थियों का चयन भारत सरकार द्वारा कराए गए सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना 2011 की सूची में शामिल परिवारों से किया जाना था। बीते वर्ष में शासन ने 14953 गरीबों को आवास देने का लक्ष्य आवंटित किया था। इसके बाद जिले स्तर से लक्ष्य का आवंटन ब्लॉक व ग्राम वार किया गया था। निर्धारित लक्ष्य के सापेक्ष सिर्फ 14133 आवास स्वीकृत किए गए हैं। जबकि नौ ब्लॉकों ने 820 आवास का लक्ष्य सरेंडर कर दिया है।
किसने कितना आवास किए सरेंडर
ब्लॉक लक्ष्य समर्पण
बभनजोत 862 35
इटियाथोक 487 24
झंझरी 1143 145
कटराबाजार 1933 240
मुजेहना 639 86
रुपईडीह 900 115
तरबगंज 859 74
वजीरगंज 966 101
सूची में खामियां भी बनी वजह
-सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना की सूची में खामियां भी लक्ष्य सरेंडर करने की वजह बनी हैं। गांवों में पात्र तो हैं लेकिन उनका नाम सूची में नहीं है। कई लोगों का नाम होते हुए भी ब्योरा से मिलाने में दिक्कत है। कई गांव के लोगों के नाम दूसरे गांव की सूची में भी दर्ज है।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत आवंटित लक्ष्य के सापेक्ष पात्र लाभार्थी संबंधित गांव में न मिलने पर नौ ब्लॉकों से लक्ष्य सरेंडर हुए हैं। जल्द सरेंडर हुए आवासों का आवंटन अन्य गांवों में कराया जाएगा। इसके लिए रिपोर्ट मांगी गई है।
-वीरपाल, परियोजना निदेशक डीआरडीए गोंडा