गोला बाजार बेरुखी का शिकार, समस्याएं अपार
गोंडा: नगर पालिका परिषद के वार्ड नंबर 21 गोलाबाजार कंजडान में समस्याओं का अंबार है। नगर के बीचोबीच स
गोंडा: नगर पालिका परिषद के वार्ड नंबर 21 गोलाबाजार कंजडान में समस्याओं का अंबार है। नगर के बीचोबीच स्थित इस वार्ड के अधिकतर लोग शासन और प्रशासन की उदासीनता के कारण सुविधाओं से वंचित हैं। वार्ड के लोगों को अतिक्रमण से जूझना पड़ता है। दिन में बाजार से गुजरना काफी मुश्किल भरा होता है। जिसके कारण अक्सर जाम लग जाता है। वार्ड में इंडिया मार्का हैंडपंपों का अभाव है। कुछ से दूषित पेयजल निकल रहा है। वार्डवासियों को स्वच्छ पेयजल नहीं मिल पा रहा है। आसरा आवास पाने से भी वंचित हैं। वार्ड में सोलर लाइट तो लगी है जो रस्म अदायगी के लिए ही जलता है। रखरखाव के अभाव में वह भी निष्प्रयोज्य है। राशन व मिट्टी का तेल हर महीने नहीं मिल पाता है। वार्ड में तारों का मकड़जाल है। लो वोल्टेज पूरे वार्ड की प्रमुख समस्या बन गया है। जिससे बिजली होने के बावजूद लोगों को उसका लाभ नहीं मिल पाता। वार्ड में कुछ लोगों के पास शौचालय भी नहीं है। फा¨गग न होने से वार्ड में मच्छरों की भरमार है। जिसके कारण लोग मच्छर जनित बीमारियों के शिकार हो रहे हैं। डस्टबिन के अभाव में कूड़ा गलियों में बिखरा रहता है। वहीं नालियों की सफाई में कर्मियों के रुचि न लेने के कारण उनमें गंदगी भरी रहती है। जिससे संक्रामक रोगों के फैलने की आशंका बनी रहती है।
जनता के बोल
-मंजू देवी व सुनीता ने बताया कि वृद्धावस्था पेंशन का लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है। वह लोग सरकारी योजनाओं व सुविधाओं से वंचित हैं। रानी व आशा ने बताया कि शौचालय न होने से महिलाओं को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। राजू सोनी व राहुल ने बताया कि वार्ड में मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। साफ-सफाई न होने से दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ओम प्रकाश कसौंधन व विवेक गुप्त ने बताया कि वार्ड में लो वोल्टेज की समस्या आम बात है। कनीज फात्मा व जमुना ने बताया कि सुविधाओं के प्रति ध्यान नहीं दिया जा रहा है। सुरेंद्र शर्मा व सुनील कसौंधन ने बताया कि ने बताया कि वार्ड में समस्याएं हैं लेकिन उसके निस्तारण का प्रयास नहीं किया जा रहा है।
सभासद के बोल
-सभासद विनोद कुमार सोनी उर्फ विनोद पंडित ने बताया कि वार्ड की साफ-सफाई व्यवस्था ठीक नहीं है। साथ ही लोगों को राशन मिलने में भी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कई बार निराकरण का प्रयास भी किया लेकिन शासन स्तर पर सुनवाई न होने से समस्याएं जस की तस हैं।