मरीजों पर भारी पड़ा फार्मेसिस्टों का दो घंटे कार्य बहिष्कार
गोंडा: केस एक- इटियाथोक के राहुल के बेटे को कुत्ते ने काट लिया था। वह जिला अस्पताल सुबह नौ बजे ही
गोंडा: केस एक- इटियाथोक के राहुल के बेटे को कुत्ते ने काट लिया था। वह जिला अस्पताल सुबह नौ बजे ही पहुंच गए। डॉक्टरों को दिखाने के बाद जब वह वैक्सीन लगवाने पहुंचे तो फार्मासिस्टों के आंदोलन के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। दस बजे के बाद उन्हें वैक्सीन लग पाई।
केस दो- मालवीय नगर की सुषमा अपने बेटे को लेकर अस्पताल आई थी। डॉक्टर को दिखाने के बाद जब वह दवा लेने काउंटर पर पहुंची तो वहां पर सन्नाटा पसरा था। ऐसे में उन्हें इंतजार करना पड़ा।
यह दो मामले गुरुवार को फार्मेसिस्टों के शुरू किए गए दो घंटे के कार्य बहिष्कार के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़े असर की बानगी भर हैं। जिला अस्पताल में सुबह आठ बजे से लेकर दस बजे तक फार्मेसिस्टों ने कार्य बहिष्कार किया। जिसके कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि डॉक्टर ने तो ओपीडी संभाल ली थी लेकिन फार्मेसिस्ट काला फीता बांधकर आंदोलन पर रहे। डिप्लोमा फार्मेसिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सालिकराम त्रिपाठी की अगुवाई में जिला अस्पताल में एकत्र हुए फार्मेसिस्टों ने कहा कि जब तक उनकी मांगों को नहीं माना जाता है तब तक आंदोलन जारी रहेगा। दो घंटे के कार्य बहिष्कार का असर जिला महिला अस्पताल के साथ ही सभी सीएचसी व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर भी दिखा। यहां पर दो घंटे तक मरीजों को परेशानी से दो चार होना पड़ा।
इनसेट
क्या है मामला
- पिछले दिनों जिले के फार्मेसिस्टों के हुए तबादले का संगठन विरोध कर रहा है। संगठन के मंत्री डॉ. एसपी ¨सह विसेन का कहना है कि विभागीय स्थानांतरण नीति घोषित न होने के बाद भी मनमाने तरीके से फार्मेसिस्टों के तबादले किए गए हैं। 40 सूत्रीय जांच के नाम पर फार्मेसिस्टों का उत्पीड़न किया जा रहा है। इधर सीएमओ डॉ. उमेश ¨सह यादव का कहना है कि जो भी कार्रवाई की गई है, वह नियम संगत है।