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सरकार बदली लेकिन नहीं बंट सके 156 लैपटॉप

गोंडा: पूर्व की सपा सरकार ने मेधावियों को पढ़ाई में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए उन्हें लैपटॉप देने की

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 May 2017 11:01 PM (IST)Updated: Tue, 23 May 2017 11:01 PM (IST)
सरकार बदली लेकिन नहीं बंट सके 156 लैपटॉप
सरकार बदली लेकिन नहीं बंट सके 156 लैपटॉप

गोंडा: पूर्व की सपा सरकार ने मेधावियों को पढ़ाई में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए उन्हें लैपटॉप देने की योजना शुरू की। जिसके तहत वर्ष 2012 से अब तक जिले में कुल 41 हजार 914 लैपटॉप प्राप्त हुए, जिसमें से मात्र 156 लैपटॉप अवशेष हैं। यह गोंडा सदर व तरबगंज तहसील में रखे हुए हैं। इन लैपटॉपों का उपयोग अब कहां किया जाएगा, इनका वितरण कैसे होगा, इसको लेकर अफसरों ने विभाग को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है। हालांकि अभी विभागीय स्तर से कोई स्पष्ट निर्देश नहीं मिल पाया है।

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वर्ष 2012 में सूबे में समाजवादी पार्टी की सरकार आई। सपा सरकार ने अपने घोषणापत्र में किए गए दावे के मुताबिक मेधावियों को सरकारी लैपटॉप देने की योजना शुरू की। योजना के तहत पहले चरण में वर्ष 2012-13 में जिले में कुल 39 हजार 865 लैपटॉप प्राप्त हुए। उस वक्त विभाग ने कार्यक्रमों के जरिए इनका व्यापक स्तर पर वितरण कराया। जिसके तहत वर्ष 2012 में 38 हजार 82 लैपटॉप का वितरण किया गया। शेष बचे 1783 लैपटॉप को तहसीलों में बनाए गए गोदाम में रखवा दिया गया। वर्ष 2013 में शासन से कोई निर्देश न मिलने के कारण एक भी लैपटॉप का वितरण नहीं किया गया। वर्ष 2014 में इन्हीं अवशेष बचे 1060 लैपटॉप को औरेया, बांदा, लखीमपुर खीरी जिले को भेज दिया गया। शेष बचे 156 लैपटॉप अभी तक तहसीलों के गोदाम में रखे हुए हैं। इससे इतर वर्ष 2015 में 1047 व वर्ष 2016 में 1002 लैपटॉप का वितरण तो कर दिया गया लेकिन गोदामों में डंप 156 लैपटॉप को लेकर संशय बरकरार है। लैपटॉप पर जमी धूल

- तहसील तरबगंज में सबसे ऊपरी कमरे में लैपटॉप रखे हैं। वहां लकड़ी का सुरक्षा घेरा बनाकर उस पर लैपटॉप तो रखा हुआ है लेकिन लंबे समय से रखे होने के कारण उस पर धूल जमी हुई है। यही स्थिति सदर तहसील की भी है।

क्या कहते हैं जानकार

- आइटी विशेषज्ञ शादमा जबीं का कहना है कि पूर्व की सरकार द्वारा छात्रों को बांटे गए लैपटॉप में अखिलेश यादव व मुलायम ¨सह की फोटो व समाजवादी लोगो स्थानीय स्तर पर हटा पाना संभव नहीं है। दरअसल, इसे कंप्यूटर सिस्टम के बायोस में बनाया गया है। ऐसे में अगर संबंधित संदेश को हटाने के लिए सिस्टम के बायोस को करेप्ट किया जाता है तो लैपटॉप के खराब होने की संभावना रहती है।

- आइटी विशेषज्ञ संतोष गुप्त का कहना है कि अगर किसी भी लैपटॉप को लंबे समय तक ऑन न किया जाए, उसका कोई उपयोग न हो तो उसके बैट्री के खराब होने की संभावना रहती है। बाद में धीरे-धीरे लैपटॉप में अपलोड किए गए साफ्टवेयर में भी समस्या आ सकती है।

जिम्मेदार के बोल

अवशेष बचे लैपटॉप के बारे में शासन को कई बार रिपोर्ट भेजी जा चुकी है। अब शासन व विभाग इस तरह के लैपटॉप के उपयोग के बारे में जो भी आदेश देगा, उसके अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।

- राम खेलावन वर्मा, डीआइओएस गोंडा


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