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बिजली आपूर्ति में खेल, उपभोक्ता रहे झेल

गोंडा : प्रदेश सरकार ने भले ही बिजली आपूर्ति के लिए शेड्यूल निर्धारित कर रखा हो लेकिन अफसरों की उदास

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 May 2017 10:55 PM (IST)Updated: Tue, 23 May 2017 10:55 PM (IST)
बिजली आपूर्ति में खेल, उपभोक्ता रहे झेल
बिजली आपूर्ति में खेल, उपभोक्ता रहे झेल

गोंडा : प्रदेश सरकार ने भले ही बिजली आपूर्ति के लिए शेड्यूल निर्धारित कर रखा हो लेकिन अफसरों की उदासीनता से उसकी मंशा परवान नहीं चढ़ पा रही है। बिजली आपूर्ति शुरू होते ही आने-जाने का सिलसिला शुरू हो जाता है। ग्रामीण अंचलों में बिजली दस से 12 से दिनों तक बाधित रहती है। यही नहीं ट्रांसफार्मर व बिजली सही कराने के लिए ग्रामीणों को जेबें ढीली करनी पड़ रही हैं। बिजली के अभाव में किसानों की फसलें सूख रही हैं। उद्योग धंधे चौपट हो रहे हैं लेकिन अफसरों को धरातल पर उतरने की फुर्सत नहीं है। खामियाजा उपभोक्ताओं को अंधेरे में रहकर भुगतना पड़ रहा है।

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ये है शेड्यूल

मुख्यालय पर 24 घंटे के बजाए 20 घंटे, तहसील मुख्यालयों पर 20 घंटे के बजाए 15 घंटे, ग्रामीण अंचलों में 18 के बजाए 10 से 12 घंटे की आपूर्ति की जा रही है। जबकि कागजों में शेड्यूल के हिसाब से बिजली आपूर्ति किए जाने का दावा किया जा रहा है।

हर रोज फुंक रहे आठ ट्रांसफार्मर

यहां बिजली आपूर्ति के लिए रखे ट्रांसफार्मर फुंक रहे हैं। जिससे उपभोक्ताओं को अंधेरे में रात बितानी पड़ रही है। विभागीय अफसर की मानें तो 24 अप्रैल से अब तक 259 ट्रांसफार्मर फुंक चुके हैं। अफसर ओवरलोड अधिक होने से ट्रांसफार्मरों के जलने की बात कह रहे हैं। हर रोज करीब आठ ट्रांसफार्मर जल रहे हैं।

लगाते हैं चंदा

-मनकापुर क्षेत्र के अमवापुर गांव निवासी रामरंग ने बताया कि आठ मई को आंधी तूफान के दौरान ट्रांसफार्मर जल गया था। अवर अभियंता से लेकर विभाग के अफसरों से गोहार लगाई लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। चंदा लगाकर अपनी ट्राली से वह ट्रांसफार्मर बनवाने के लिए लाया है। गंगाधाम निवासी लक्ष्मी नरायन ने बताया कि वह भी चंदा लगाकर ट्रांसफार्मर बनवाने के लिए लाया था। जिसकी मरम्मत नहीं हो सकी है। इटियाथोक के बलईजोत गांव निवासी गणेशदत्त पांडेय, मालिक राम व दीपनरायन ने बताया कि उपभोक्ताओं के सहयोग से चंदा लगाकर ट्रांसफार्मर लाए थे।

आज से भूख हड़ताल

काशीपुर हथिनाग गांव निवासी रजिस्टर ¨सह ने डीएम से शिकायत में कहा कि आठ मई से उसके गांव की बिजली बाधित है। उसने डुमरियाडीह उपकेंद्र पर शिकायत दर्ज कराई। वहां मौजूद कर्मियों ने सुविधा शुल्क की मांग की। उसने विरोध जताया तो उसके साथ अभद्रता की गई। कर्मियों की लापरवाही से करीब 14 दिन से 100 घरों की आपूर्ति बाधित है। उसने चेतावनी दी है कि वह बुधवार से डुमरियाडीह उपकेंद्र के समक्ष भूख हड़ताल पर बैठेगा।

लोड बढ़ने से फुंक रहे ट्रांसफार्मर विभागीय

-अफसर ओवरलोड के कारण तारों के टूटने व ट्रांसफार्मरों के फुंकने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ रहे हैं। गर्मी में बिजली की मांग बढ़ जाती है। इससे बिजली के तार टूटने लगते हैं और ट्रांसफार्मर जल जाते हैं।

सूख रहीं फसलें

नवाबगंज के रामापुर निवासी अंकित कुमार शुक्ल उर्फ पीयूष व दीपक ¨सह का कहना है कि गांव में करीब पंद्रह दिन बाद बिजली आई है। अभी भी आंख मिचौली जारी है। दिन में कभी- कभी ही बिजली आती है। अभियंता हमेशा फाल्ट की बताते हैं। गन्ने की फसल पानी के अभाव में सूख रही है। कर्नलगंज के सरदार ¨सह, संजय मिश्र, जगदंबा शरण मिश्र ने बताया कि गांव में बिजली न के बराबर मिलती है। एसडीओ से जब वह लोग पूछते हैं तो कहते हैं कि गांव का कोई शेड्यूल निश्चित नहीं है। मक्का, गन्ना व सब्जियों की ¨सचाई समय से नहीं हो पा रही।

जिम्मेदार के बोल-अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड प्रथम अशोक कुमार यादव ने बताया कि शासन से निर्धारित शेड्यूल के

मुताबिक आपूर्ति की जा रही है। बावजूद इसके आपूर्ति नहीं मिल पा रही है तो जांच कर संबंधित अवर अभियंताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।


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